क्या कलेक्टर के साथ दौड़ सकेंगे अजमेर के अफसर?

aarushi a malik thumbअजमेर की जिला कलेक्टर डॉ.आरुषि मलिक ने 10 नवम्बर को कामकाज के जो तेवर दिखाए, उससे यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या अजमेर के अफसर कलेक्टर के साथ दौड़ सकेंगे? अजमेर में अधिकांश ऐसे अफसर है जो पिछले कई वर्षों से अजमेर में ही जमे हुए है। तबादलों के नाम पर सिर्फ विभाग बदला गया है, जबकि डॉ.मलिक को तेज दौडऩे वाला कलेक्टर माना जाता है। भले ही उनका तबादला जल्द से जल्द हो जाए।  कलेक्टर ने 10 नवम्बर को शहर के दौरे में अधिकारियों से साफ-साफ कह दिया कि अब अजमेर गंदा नजर नहीं आना चाहिए। यहां तक कि जो दुकानदार दीवार पर विज्ञापन करता है, उसके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जाए। दो घंटे के दौरे में कलेक्टर ने अधिकारियों की सांसे उपर-नीचे कर दी। इस दौरे में नगर निगम के सीईओ सी.आर.मीणा और एडीएम किशोर कुमार तो नजर आए, लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट हरफूल सिंह यादव अनुपस्थित रहे। सिटी मजिस्ट्रेट के बगैर कलेक्टर का दौरा कितना प्रभावी रहेगा यह  आने वाला समय ही बताएगा। अलबत्ता इस दिन जिला परिषद सीईओ एल.आर.गूगरवाल ने कलेक्टर मलिक के साथ दौडऩे की पूरी कोशिश की। नरेगा की बैठक में कलेक्टर उपस्थित नहीं थी, फिर भी गूगरवाल ने जारी सरकारी प्रेस नोट में कहा कि कलेक्टर ने विभिन्न विभागों के उन अधिकारियों को फटकार लगाई, जिन्होंने नरेगा का काम समय पर पूरा नहीं किया है। बैठक में कलेक्टर के उपस्थित नहीं होने पर भी कलेक्टर के हवाले से सरकारी प्रेस नोट कैसे जारी हुआ यह गूगरवाल ही बता सकते है। अलबत्ता कलेक्टर के साथ काम के लिए दौड़ लगाने का अभ्यास करने के लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने बास्केटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन कर लिया है। यह प्रतियोगिता 15 से 17 नवम्बर के बीच होगी।
-(एस.पी.मित्तल)

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