संगठन में सत्ता सर्मथकों को तरजीह नहीं मिलने पर विरोधाभास की स्थिति
ब्यावर (हेमन्त साहू)। पिछले कई माह से भाजपा मंडल अध्यक्ष बनने को लेकर कई शहर भाजपा नेता, प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक सहित अन्य नेताओ की मान मुनव्वल कर मंडल अध्यक्ष बनने की मेहनत कर रहे थै। शहर भारतीय जनता पार्टी मे पिछले कई दिनो से मंडल अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा भाजपाईयो मे जोरो शोरो से चल रही थी। मंडल अध्यक्ष बनने के लिए शहर के करीब 4 भाजपा से जुडे नेता मंडल अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजित होने के लिए प्रदेशाध्यक्ष सहित अन्य भाजपा पदाधिकारियो एवं स्थानीय विधायक शंकरसिंह रावत को मनाने मे लगे हुए थै। बीते दिनो 11 फरवरी के दिन मे शहर के भाजपा नेता जयकिशन बल्दुआ के अध्यक्ष बनने के प्रति भाजपाई निश्चित थै। अचानक समय ने पलटा खाया और अपनो ने ही शह और मात का खेल खेलते हुए मंडल अध्यक्ष बनने का खवाब संजोये बैठे भाजपा नेताओ के सपने चकनाचुर कर दिये। अचानक संघ पृष्टभुमि को महत्व देते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने भाजपा के देहात जिला उपाध्यक्षमुरली तिलोकानी को भाजपा मंडल ब्यावर का अध्यक्ष नियुक्त किया। सुत्रो से ज्ञात हुआ कि तिलोकानी ने अध्यक्ष बनने के बाद दुसरे दिन विधायक शंकरसिंह रावत से मिलने उनके कार्यालय पहुचे। जहा भाजपा कार्यकारीणी बनाने को पत्र तैयार हुआ। जिसमे जयकिशन बल्दुआ को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, गोविन्द साहू एवं रामवतार लाटा को महामंत्री सहित कई भाजपा नेताओ को पदाधिकारी एवं कई कार्यकारीणी सदस्यो के नाम थै। लेकिन नव अध्यक्ष तिलोकानी ने ने विधायक के कार्यालय मे तैयार हुई सुची को दरकिनार करते हुए नई सुची बना कर मीडीया को जारी कर दी। नये मंडल अध्यक्ष तिलोकानी द्वारा मंडल पदाधिकारियो एवं कार्यकारीणी सदस्यो द्वारा जारी सुची समाचार पत्रो एवं न्युज चैनल मे आने के बाद कई भाजपा नेताओ के मुख पर खुशी देखी गई तो कईयो ने सुची को एक तरफा निर्णय बताया। मंडल अध्यक्ष तिलोकानी को बनाने मे जिलाध्यक्ष बीपी सारस्वत ने की भुमिका खास रही।
सुना यह भी जा रहा है कि जिलाध्यक्ष सारस्वत ने अपनी पकड मजबुत करने एवं ब्यावर क्षैत्र मे अपनी जमीन तैयार करने के लिए तिलोकानी को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है। मंडल अध्यक्ष के प्रबल दावेदार के विरुद्ध मे फोन,फेक्स व मेल द्वारा शिकायते पहुचने पर प्रदेश नेतृत्व ने निर्विवाद भाजपा नेता के रुप मे मुरली तिलोकानी का नाम सामनें आने पर जिलाध्यक्ष सारस्वत की सहमति से शहर का नया अध्यक्ष के तौर पर तिलोकानी के नाम पर मुहर लगी। तिलोकानी के अध्यक्ष बनने के बाद अपने आप को भाजपा का दारोमदार मानने वाले नेताओ का एक पक्ष अपनी पकड ढीली होते देख झुठी अकड दिखाकर तिलोकानी का अध्यक्ष बनना हजम नही कर पा रहा है। मंडल पदाधिकारियो की सुची मे पुर्व मे रहे कई लोगो के नाम पुन: पदाधिकारियो की लिस्ट मे नही आने पर कई नेता चुप्पी साधे हुए त्यौरिया दिखा रहे है। वर्तमान मे भाजपाईयो मे चर्चा का माहौल आलम पर है। संघ समर्थक नये मंडल लेंकर खुश है तो द़सरी तरफ भाजपा के एक वर्ग मे सन्नाटा छाया हुआ है। वर्तमान वातावरण देखकर लगता है कि भविष्य मे शहर भाजपा संगठन की कैसी तस्वीर उभर कर सामने आएगी। और रुठे हुए नेता मान जाएंगे या खीचतान का दौर यु ही चलता रहेगा। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
मंडल अध्यक्ष पद भी गया, अब पंचायत अध्यक्ष समाज के निशाने पर
एक समाज के भामाशाह ने सुनाई अपनी वेदना
ब्यावर (हेमन्त साहू)। शहर माहेश्वरी पंचायत बोर्ड मे समाज के लोगो द्वारा मनमानी करने के आरोपो का शिकार हो रहे चैनसुख हेडा की हठधर्मिता को लेकर सामाजिक कार्यो मे खुलकर सहयोग करने वाले समाज के ही भामाशाह ने त्सत्कालीन भाजपा मंडल अध्यक्ष व माहेश्वरी बोर्ड अध्यक्ष चैनसुख हेडा को पत्र लिखकर अपनी वेदना सुनाई। ब्यावर निवासी शिवरतन सोमानी एवं गोविन्द नारायण सोमानी ने समाज के अन्य पदाधिकारियो को भी बोर्ड अध्यक्ष हेडा को भेजे गया पत्र प्रेषित कर अपनी वेदना का बखान किया। सोमानी बंधुओु ने समाज के भवन निर्माण मे दिये गए सहयोग को लेकर भी हेडा पर सवालिया निशान लगाए है। पंचायत अध्यक्ष हेडा को लिखे पत्र मे सोमानी बंधुओ ने हेडा बताया कि आपकी मनमर्जी व किसी की बात न सुनने की प्रवृत्ति व समाज के संविधान के निर्देशो व व्यवस्था की अनदेखी की वजह से 15 सदस्यो की कमेटी मे से 12 माननीय सदस्यो ने असंतोष व रोष जताते हुए अपना लिखित विरोध दर्ज कराया है। लेकिन आपने सभा बुलाये जाने की मांग करने पर भी आपने अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए अवहेलना की है। सोमानी बंधु शिवरतन सोमानी व गोविन्द नारायण सामानी ने अध्यक्ष हेडा से पद की गरिमा के बरकरार रखते हुए समाज मे आपके विरुद्ध उभर रहे रोष को फेलने से रोके एवं समाज हित मे सबको साथ लेकर चले।