परनामी जी देवनानी और भदेल में कम से कम संवाद तो कराओ

a bhadel-devnaniनगर निगम अजमेर के चुनाव में भाजपा की बगावत हुई उसको लेकर 28 अगस्त को जयपुर में स्कूली शिक्षा मंत्री देवनानी और नव निर्वाचित महापौर धर्मेन्द्र गहलोत से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी व संगठन मंत्री वी. सतीश से मुलाकात की। इससे दो दिन पहले महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने भी परनामी से मुलाकात कर बताया कि किन परिस्थितियों में बगावत हुई। स्वाभाविक है कि देवनानी और भदेल ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। राजनीति में इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप होना आम बात है। लेकिन अजमेर में हालात कुछ ज्यादा ही खराब हैं। देवनानी और भदेल के बीच की खाई को अशोक परनामी क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी कम नहीं कर सकते हैं। लेकिन परनामी इतना तो कर ही सकते हैं दोनों मंत्रियों में सार्वजनिक तौर पर संवाद हो जाए। देवनानी और भदेल अजमेर शहर में भाजपा के विधायक चुने गए हैं। संभवतया अजमेर की राजनीति में पहला अवसर है कि जब शहर के दोनों विधायक मंत्री हैं। उम्मीद तो यह थी कि दोनों के मंत्री बनने के बाद विकास की गंगा बहेगी लेकिन इसका उल्टा हुआ। देवनानी, भदेल के और भदेल देवनानी के निर्वाचन क्षेत्र में कोई समारोह नहीं कर सकते हैं। यदि विभाग इन दोनों मंत्रियों को एक साथ बुलाना चाहता है तो कोई ना कोई बहाना कर एक मंत्री इंकार कर देता है। जब कभी मजबूरी में मंच पर बैठाना होता है तो दोनों में शिष्टाचार वाला संवाद भी नहीं हो पाता है और अब तो दोनों के बीच मेयर धर्मेन्द्र गहलोत भी फंस गए हैं। यानि जो थोड़ी बहुत गुंजाइश थी वह खत्म हो गई है। गहलोत जिस प्रकार भदेल के समर्थक सुरेन्द्र सिंह शेखावत को पीछे धकेलकर मेयर बने हैं उससे भी तीनों के बीच संवाद होना बेहद मुश्किल है। इस खबर के साथ देवनानी, भदेल और गहलोत का फोटो अपेक्षित है। यह फोटो 28 अगस्त पटेल मैदान पर आयोजित साइकिल रैली के अवसर का है। यह फोटो न केवल तीनों के संबंधों को उजागर कर रहा है बल्कि आने वाले दिनों की राजनीति के संकेत दे रहा है। गहलोत के बीच में आने के बाद दोनों मंत्री एक दूसरे की शक्ल तक देखना पसन्द नहीं करते हैं। अजमेर की जनता यह सवाल पूछ रही है जब अजमेर राजनीतिक दृष्टि से कितना मजबूत है तो फिर समस्या का समाधान क्यों नहीं हो रहा है? पीएम नरेन्द्र मोदी अमेरिका के सहयोग से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाना चाहते हैं। परनामी यह बतायें जब दोनों मंत्रियों में सामान्य संवाद भी नहीं है तब अजमेर स्मार्ट कैसे बनेगा?
सी.एम. की भूमिका
जब जानते हैं कि राजस्थान भाजपा में वही होता है जो सी.एम. वसुन्धरा राजे चाहती हैं। मेयर चुनाव की बगावत के बाद राजे ने देवनानी और भदेल को मिलने के लिए नहीं बुलाया है। हालांकि इन दोनों मंत्रियों ने सी.एम. सचिवालय के जरिए मिलने का प्रस्ताव किया है। दोनों मंत्री सी.एम. से मिलने के लिए उतावले हैं। दोनों का मकसद सी.एम. के समक्ष सफाई देना है लेकिन राजे सफाई का अवसर भी नहीं दे रही है। हाल ही में सम्पन्न 129 निकायों के चुनाव में अजमेर में ही नगर निगम चुनाव हुआ, मेयर भी भाजपा का बना लेकिन एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी राजे ने मेयर धर्मेन्द्र गहलोत से भी मुलाकात नहीं की। अजमेर राजनीति के बारे में राजे क्या चाहती है इसका अंदाजा अभी नहीं लग पा रहा है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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