राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का चिंतन शिविर। पहले दिन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया राज्य सरकार के प्रतिनिधि बनकर इस शिविर में शामिल हुए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और साध्वी ऋतंभरा भी आईं। सह सरकार्यवाह भैयाजी जोशी के साथ शिविर में चर्चाओं का दौर चला। शिविर में क्या चल रहा है, इसे मीडिया से बहुत दूर ही रखा। थोड़ी बहुत जानकारियां मीडियाकर्मियों ने इधर-उधर से निकाली, लेकिन कहा नहीं जा सकता कि इसमें कितनी वास्तविकता है? शिविर के दूसरे दिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शिविर में शामिल हुई। बताया जा रहा है कि उन्होंने यहां राज्य सरकार की योजनाओं, भामाशाह योजना सहित अन्य कार्यों के बारे में बताया। अब सवाल यह उठता है कि क्या सीएम महज यह बताने के लिए ही जयपुर से अजमेर आईं? क्या यह सब कुछ आरएसएस को नहीं पता? आगामी विधानसभा चुनाव में अब महज दो साल शेष रहे हैं। ऐसे में लगने लगा है कि यह शिविर महज आरएसएस का शिविर न होकर भाजपा का ही चिंतन शिविर था। हो सकता है राजस्थान भाजपा को लेकर कोई बड़ा परिवर्तन देखने को मिल जाए। शिविर में अन्य राजनीतिक हस्तियों को छोड़कर सीएम का खुद का आना भी कुछ इसी दिशा की ओर से संकेत कर रहा है। अगर ऐसा नहीं होता तो पहले दिन गृहमंत्री की तरह ही अन्य नेताओं को भेज दिया जाता, सिर्फ सरकारी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट ही तो देनी थी।
अरविंद अपूर्वा (hathaikichoupal.blogspot.com)