4 दशक तक चाणक्य की तरह पुष्कर की राजनीति में चमकते रहे शर्मा

राकेश भट्ट
*बीते लगभग 40 सालो से पुष्कर शहर की राजनीति में ( गुरु और मेम्बर साहब ) के नाम से प्रसिद्ध गोपाल शर्मा का गुरुवार की शाम हृदयगति रुक जाने के चलते निधन हो गया जिन्हें आज सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में पंचतत्व में विलीन कर दिया गया । बगैर किसी की बैसाखी के सहारे राजनीति के मैदान में उतरे शर्मा ना सिर्फ बीजेपी के कद्दावर नेता थे बल्कि उन्हें पुष्कर की राजनीति का चाणक्य भी कहा जाता था ।*

*गोपाल शर्मा का जन्म 73 वर्ष पूर्व श्री प्रेमवल्लभ शर्मा के घर हुआ । बहुत ही कम उम्र में इन्हें राजनीति में सक्रिय होने का शौक चढ़ा और यह जनसंघ से जुड़ गए । साल 1974 में जब पुष्कर नगर पालिका में मात्र 3 वार्ड हुआ करते थे तब इन्होंने जनसंघ के टिकिट पर छोटी बस्ती से चुनाव लड़ा और पार्षद बनकर अपनी राजनैतिक यात्रा शुरू की । इसके बाद इन्होंने कई चुनाव लड़े और हमेशा पार्षद के रूप में निर्वाचित हुए । इसलिए इनके नाम के आगे उपनाम ( मेम्बर साहब ) भी जुड़ गया ।*

साल 2004 में हुए पालिका चुनाव में भाग्य ने इनका साथ दिया और बीजेपी कांग्रेस के बराबर बराबर पार्षद आने की स्थिति में वर्तमान पालिकाध्यक्ष कमल पाठक के वोट से यह पुष्कर पालिका के चेयरमेन बने ।
पांच सालों तक इन्होंने पुष्कर नगर की जमकर सेवा की और हर आम नागरिक के काम किये । इससे पूर्व इन्होंने अपनी राजनैतिक महारथ का परिचय देते हुए अपनी ही पार्टी के सुरजनारायण पाराशर के खिलाफ अविश्वास प्रताव लाकर उनका बोर्ड भी गिराया और कांग्रेस की चेयरमेन अन्नी देवी उदय को घुमटी आवंटन मामले में निलंबित करवाकर बीजेपी की रामकंवरी देवी को पालिकाध्यक्ष बनाने में अहम भूमिका निभाई ।

*ना मालाएं पहनी और ना चेयरमेन की कुर्सी पर बैठे •••*
गोपाल शर्मा ने राजनीति में होते हुए भी बहुत ही सादा जीवन जिया । उन्होंने इतनी बार चुनाव जीता परंतु कभी भी उन्होंने जीत की माला नही पहनी । यहां तक कि पालिका चेयरमेन बनने के बाद भी पांच साल के कार्यकाल के दौरान पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर भी नही बैठे । उन्होंने साईड में आम लोगो के लिए लगी कुर्सी पर बैठकर ही जनता के काम किये ।

*जीवन मे कभी भी ना तो किसी के घर का खाना खाया और ना ही पानी पीया •••*
गोपाल शर्मा राजनीति के माहिर खिलाड़ी होने के साथ साथ अपने उसूलों के भी पक्के इंसान थे । उन्होंने 40 साल से भी ज्यादा जीवन सक्रिय राजनीति में देने के बावजूद मरते दम तक किसी भी दोस्त , रिश्तेदार या पार्टी नेता के घर पर या किसी भी विवाह और अन्य मांगलिक समारोह में खाना नही खाया यहां तक कि बाहर का पानी भी नही पिया । उनके उसूल इतने पक्के थे कि अयोध्या मामले में जेल जाने के दौरान भी दो दिन तक भूखे प्यासे रहे लेकिन जेल में पानी तक नही पिया । उनकी इस आदत से उन्हें कई बार नुकसान भी हुआ । वार्ड के मतदाताओं के बार बार अनुरोध पर भी वे कुछ खाते पीते नही थे , इससे नाराज होकर कई मतदाता उन्हें वोट भी नही देते लेकिन फिर भी वे अपने संकल्प पर डटे रहते ।

*बीजेपी के कई बड़े नेताओं से था सीधा संपर्क •••*
4 दशक तक जनसंघ और फिर बीजेपी की सक्रिय राजनीति में रहने के चलते गोपाल शर्मा जी के पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत , गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया , कालीचरण सर्राफ , घनश्याम तिवाड़ी , ललित किशोर चतुर्वेदी , ओम बिड़ला , औंकार सिंह लखावत , पुखराज पहाड़िया , वासुदेव देवनानी सहित कई बड़े नेताओं से सीधा संपर्क था । खास बात यह है कि बीजेपी के यह सभी नामचीन नेता इन्हें हमेशा गुरु कहकर ही संबोधित करते थे ।

*अंतिम संस्कार में हुए कई गणमान्य लोग शामिल ••••*
शर्मा के आकस्मिक निधन होने के पश्चात आज उनका वैदिक विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया । अंतिम संस्कार में बीजेपी , कांग्रेस और राजनीति से जुड़े कई नेता , पुष्कर के कई उद्योगपति , सामाजिक कार्यकर्ता , पत्रकार साथी , और उनके लंबे राजनैतिक जीवन में जुड़े इष्ट मित्र और अलग अलग क्षेत्रो के साथी सहित सैकड़ों की संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे ।

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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