हाल ही 17 मई 2018 को मध्यान्ह, आदरणीय दीपक उप्रेति से उनके सचिवालय कक्ष में मिला। उनका अभिवादन करते हुये मैंने कहा कि आप कब राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद की कमान संभाल रहे हैं, तब उन्होंने कहा कि त्रिपाठी क्यों मज़ाक़ कर रहे हो। अक्टूबर में रिटायर होने के बाद वे कुछ समय अपने पुश्तैनी गाँव जाकर आराम करेंगे। माननीय मुख्यमंत्री ने अब ऐसे कुशल, परिश्रमी व ईमानदार अधिकारी को आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभलादी।लगभग एक घंटे उप्रेति सा के साथ बैठने पर ऐसा कहीं नहीं लगा कि उनके व्यवहार में कोई परिवर्तन आया हो। 2005 से 2008 तक अजमेर के संभागीय आयुक्त रहे उप्रेति सा का वही आत्मीय व्यवहार मिला।इस दौरान रोजाना सुबह साढे छ बजे से आठ बजे तक इन्डोर स्टेडियम में बैडमिन्टन खेलना निश्चित था। मेरा सौभाग्य था कि मैं उनका पार्टनर था।
माननीय संवेदनाओं से पूर्ण उप्रेति सा से पहली मुलाकात 1991 में हुई जब वे भीनमाल मे SDM थे।इस समय बाडमेर व जालोर में भयंकर बाढ आई थी। माननीय मुख्यमंत्री भैंरोसिंह जी ने मुझे बाढ बचाव कार्यों के कवरेज के लिये विशेष रूप से भेजा,साथ में डीपीआर की फोटो व वीडियो टीम थी।भीनमाल SDM कोर्ट में टीशर्ट, जीन्स व फायर ब्रिगेड के लंबे जूते पहने युवा अधिकारी उप्रेति जी बैठे थे। 48 घंटे से सोये नहीं थे। पूरा कोर्ट परिसर खाने की सामग्री से भरा था।बाढ पीडित अपनी जरूरत के अनुसार सामान ले जायें।ऐसी व्यवस्था कर वे जन जन के प्रिय हो गये थे।
रमजान के समय अजमेर दरगाह परिसर में हुये बम विस्फोट के तत्काल बाद ही वे दरगाह के बेगमी दालान पंहुच गये। मैं भी साथ में था।वे सबसे पहले पंहुचे और तत्काल सभी सहायता काम शुरू कराये।
उप्रेति सा का पुन: अजमेर में स्वागत है।
Pyare Mohan Tripathi