वरिष्ठ पत्रकार जे . पी . गुप्ता का निधन

अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार श्री जे . पी . गुप्ता का निधन शुक्रवार को प्रातः हो गया । वह 88 साल के थे । वह पिछले लम्बे अरसे से बीमार थे और तीन साल से तो बिस्तर पर ही थे । शाम 5 बजे पुष्कर रोड़़ स्थित श्मशान मे दाहसंस्कार कर दिया गया । वह अपने जीवन मे करीब पाँच दशक तक पत्रकारिता में सक्रिय रहे । इस दौरान उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया , राजस्थान पत्रिका , पी . टी . आई . औऱ आकाशवाणी में अपनी सेवाएं दी ।

राजेन्द्र गुंजल
श्री गुप्ता समय के पाबंद थे । प्रैस कान्फ्रेंस मे समय पर पहुंचना उनकी खूबी थी । देरी होने पर वहाँ से उठ कर चल देने से भी गुरेज़ नहीं करते थे । इसके अलावा स्पष्टवादी होना भी उनकी विशेषता थी । उनकी इन विशेषताओं के कारण कई लोग उनसे नाराज भी रहते थे । पर उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया । बात सन् 2002 की है । उन दिनों अजमेर में राजस्थान की पहली पत्रकार कालोनी अस्तित्व में आ रही थी । कालोनी में भूखंड लेने की अंधी दौड़ चल रही थी । पर श्री गुप्ता ने भूखंड के लिए आवेदन नहीं किया । उनका मानना था कि रहने के लिए उनके पास अपना मकान है । इस लिए उन्हें भूखंड की जरूरत ही नहीं है । उन्हें भूखंड लेने की सलाह भी दी गई । पर वह टस से मस नहीं हुए और उन्होंने भूखंड के लिए आवेदन ही नहीं किया । जबकि उस दौर में एक अखबार मालिक ने फर्जी सर्टिफिकेट देकर अपने चहेते तक को भूखंड दिलवा दिया ।
दुखद पहलू : आज श्मशान मे उनका दाहसंस्कार करने मात्र 30 लोग पहुंचे । इनमें से आधे तो उनके रिश्तेदार ही थे । अफसोस की बात यह रही कि जो राजनीतिक नेता कभी उनसे राजस्थान पत्रिका मे अपने समाचार छापने की गुहार लगाते थे , उनमें से आज एक भी नजर नहीं आया । पत्रकारिता जगत से मेरे साथ श्री सत्यनारायण जाला ही थे । मैं उनके साथ राजस्थान पत्रिका में रिपोर्टिंग कर चुका था औऱ श्री जाला बतौर प्रैस फोटोग्राफर उनके साथ काम कर चुके थे । कहने को तो राजस्थान पत्रिका के दो रिपोर्टर श्री सी . पी . जोशी और श्री सुरेश लालवानी भी थे । पर वे दोनों राजस्थान पत्रिका के समूह सम्पादक श्री गुलाब कोठारी का शोक संदेश लेकर आए थे । जिसे वे श्री गुप्ता के पुत्र को देना चाहते थे । शायद यह दोनों भी नहीं आ पाते । मैंने ही राजस्थान पत्रिका के स्थानीय प्रभारी श्री उपेन्द्र शर्मा को फोन कर निधन का समाचार दिया और गुप्ता जी और कुलीश जी के रिश्तों की जानकारी दी । इन सभी के अलावा शहर के प्रमुख व्यवसायी श्री विजय गुप्ता भी मौजूद थे । यह सही है कि स्वर्गीय गुप्ता की बेबाकी से कई लोग उनसे नाराज थे । पर हिन्दू संस्कृति मे तो मृतक को अन्जान व्यक्ति भी सम्मान दे देता है । पर शहरवासियों ने अपने धर्म का पालन नहीं किया । बहरहाल अजमेर के पत्रकारिता जगत से एक वरिष्ठ पत्रकार ने आज सभी को अलविदा कह दिया । उन्हें शत शत नमन ।

राजेन्द्र गुंजल

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