पुष्कर में नही थम रहा नशीली चीजो का काला कारोबार

पुष्कर पुलिस की ढिलाई के चलते फल फूल रहा है नशे का गोरख धंधा
ज्यादा नशे का सेवन करने से बीती रात गुड़गावं के 8 युवक युवतियों की बिगड़ी थी हालत , इलाज के बाद रातो रात छोड़ भागे पुष्कर

राकेश भट्ट
वैसे तो पुष्कर भगवान ब्रम्हा की नगरी के रूप में विख्यात है परंतु दुर्भाग्य से यह नशे के काले कारोबार के लिए भी बदनाम होता जा रहा है । चार दशक पहले जब साल 1976 में पहली बार जर्मनी के 4 विदेशी पर्यटकों ने पुष्कर मेले के दौरान यहां की धरती पर अपना कदम रखा था तब शायद किसी ने सोचा भी नही होगा कि आध्यात्म की नगरी पुष्कर आने वाले चंद सालो में नशे की एक बड़ी मंडी बन जाएगी । उस वक्त से शुरू हुआ यह सिलसिला ना सिर्फ आज भी जारी है बल्कि लगातार बढ़ता हुआ फल फूल भी रहा है । आपको शायद हैरानी होगी कि यहां पर भारत के नही बल्कि दुनियाभर में प्रचलित सभी तरह के नशीले पदार्थ ( जिनके बारे में पुलिस भी नही जानती ) वे सभी नशीली चीजे यहां चंद रुपये खर्च करने पर आसानी से मिल सकती है ।

वैसे तो आये दिन यहां नशे में मदहोश होकर उत्पात मचाते विदेशी सैलानी नजर आते ही रहते है । परंतु बीती रात दिल्ली , गुड़गावं से पुष्कर घूमने आए 12 युवक युवतियों में से 8 की हालात अत्यधिक नशा करने से खराब हो गई । नशे में झूमते , गिरते , पड़ते और लगभग बेहोशी की हालत में पहुंच चुके आठो लोगो को मुश्किल से पुष्कर के सरकारी हॉस्पिटल में ले जाया गया जहां उनका उपचार किया गया । डॉक्टर्स की माने तो उन युवाओ ने शराब के साथ साथ भांग एवं अन्य नशीले पदार्थ का ज्यादा मात्रा में सेवन कर लिया था जिसके चलते वह उनके दिमाग मे चढ़ गया । उन 8 युवाओ के अलावा बाकी बचे 4 साथी भी नशे में धुत्त थे परंतु उन्हें थोड़ा बहुत होश था । देर रात लगभग साढ़े तीन बजे जब नशे का खुमार उतरा तो सभी युवकों ने उसी वक्त पुष्कर छोड़ दिया ।

*दिल्ली , मुम्बई , पुणे , बैंगलौर जैसे कई मेट्रो सिटी के नशेड़ी युवाओ की खास पसंद बन चुका है पुष्कर ••••*
आज हालात इतने बदतर है कि दिल्ली , मुम्बई , पुणे , बैंगलौर , गुड़गावं , नोएडा , गाजियाबाद , अहमदाबाद सहित अन्य कई मेट्रो शहरो में ड्रग्स का सेवन करने वाले युवक युवतियों के लिए पुष्कर सबसे पसंदीदा जगह बन गया है । खास तौर पर होली और पुष्कर मेले के समय तो ऐसे युवाओ की संख्या हजारो में पहुंच जाती है । वैसे तो केवल नशे का शौक पूरा करने यहां आने वाले युवा अलग अलग होटल्स में ठहरते है परंतु यहां पर कुछ ऐसी भी होटल और रेस्टॉरेंट है जहां पूरे साल इन जैसे युवाओ का तांता लगा रहता है । उन जगहों पर इनकी पसंद और डिमांड के हिसाब से हर तरह का नशा उपलब्ध करवाया जा रहा है । खास बात यह है कि ऐसी जगहों पर इन्हें रोकने वाला भी कोई नही होता ,यहां मुह मांगे दामो पर हर चीज उपलब्ध करवाई जा रही है ।

*पुष्कर पुलिस की ढिलाई से फल फूल रहा है नशे का कारोबार ••••*
ऐसा नही है कि पुष्कर में चल रहे इस गोरख धंधे से पुलिस अनजान है । बल्कि हकीकत तो यह है पुलिस की मिलीभगत से ही यह सब काम धड़ल्ले से चल रहा है । यहां कई पुलिसकर्मी ऐसे है जो सालो से जमे हुए है । उन्हें यहां के एक एक व्यक्ति की जानकारी है , तो ऐसा कैसे संभव है कि नशे का धंधा करने वालो की नही होगी। बल्कि ऐसे लोगो की जानकारी तो पुलिस पहले लेती है। परंतु पुलिस द्वारा कभी कोई कार्यवाही नही की जाती । साल में एक आध बार कोई छोटा मोटा नशेड़ी पकड़कर पुलिस अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है जब कि सच्चाई यह है कि यहां नशे के कारोबार की छोटी मोटी मछलियां नही बल्कि यहां बड़े बड़े मगरमच्छ बैठे है । जिनका कनेक्शन देश के बड़े सौदागरों से है ।

चूंकि अब जिला पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने पुष्कर थाना प्रभारी के पद पर नरेश शर्मा को नियुक्त कर दिया है जो कभी भी चार्ज संभाल सकते है । इसलिए देखना यह है कि अब आने वाले समय ने थाना प्रभारी नरेश शर्मा इस गोरख धंधे में लिप्त लोगो पर अंकुश लगा पाते है या नही , या यह सिलसिला आगे भी अनवरत यूं ही चलता रहेगा ।

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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