केंद्रीय निर्वाचन आयोग का धन्यवाद !

◆ *राजस्थान में आदर्श चुनाव आचार सहिंता लागू करने के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग का धन्यवाद ! 23 दिन बाद टूटी हड़तालें , राज्य के डेढ़ लाख कर्मचारी लौटे काम पर •••*

◆ *21 दिन बाद राजस्थान रोडवेज के पहिये चले , लोगो मे खुशी की लहर , आचार सहिंता लागू नही होती तो और लंबी हो सकती थी हड़ताल ••••*

राकेश भट्ट
बीते 23 दिनों से राजस्थान के 122 से ज्यादा विभागों के डेढ़ लाख कर्मचारी पड़ताल पर थे । बीते 21 दिनों से अपनी मांगों को लेकर राजस्थान रोडवेज के 10 हजार कर्मचारियों ने राज्य की साढ़े चार हजार बसों के पहिये जाम कर रखे थे । लगभग एक लाख मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खुलेआम लड़ाई का बिगुल बजाकर हड़ताल कर रखी थी । बीते 6 दिनों से राज्य के लगभग 10 हजार पटवारी और गिरदावरो ने पूरे राज्य में होने वाले राजस्व के कामो को ठप्प कर रखा था । लगभग 12 हजार पंचायती राज कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत , पंचायत समितियों और जिला परिषद का काम बंद कर रखा था । लेकिन हमारी राजस्थान की यशस्वी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पूरे प्रदेश की जनता को हड़ताली कर्मचारियों की मांगों के आगे बेबस होते छोड़कर राज्य के 165 विधानसभा क्षेत्रो में गौरव यात्रा निकालने में व्यस्त थी ।

वो तो भला हो हमारे राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष ओम प्रकाश रावत का जिन्होने 6 अक्टूबर को राजस्थान सहित पांच राज्यो में आदर्श चुनाव आचार सहिंता लागू करने की घोषणा कर दी । जिसके लागू होने के तुरंत बाद राजस्थान सरकार के पास मौजूद सभी अधिकार समाप्त हो गए और 23 दिनों से हड़ताल पर चल रहे डेढ़ लाख कर्मचारियों को मन मारकर ही सही लेकिन काम पर लौटना पड़ा । आचार सहिंता लगते ही सबसे पहला असर यह हुआ कि शनिवार रात 12 बजे से ही राजस्थान रोडवेज की बसे चलनी शुरू हो गई । बीते 21 दिनों से राज्य के ग्रामीण इलाकों सहित शहरो की आम जनता रोडवेज बंद होने से भारी दिक्कतों का सामना कर रही थी । यहां तक कि घर से बाहर कही आने जाने में भी हजार बार सोचने पर मजबूर थी । एक तरह से राज्य की लाईफ लाइन मानी जाने वाली बसे थमने से लोगो का जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो चुका था । परंतु बीती रात से अब सब कुछ धीरे धीरे सामान्य होने लगा है ।

*2 महीनो तक चली गौरव यात्रा में नही हो सके जनता के जरूरी काम •••*
ठीक 2 महीनो पूर्व 4 अगस्त को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में राजस्थान गौरव यात्रा की शुरुआत की थी । जिसका समापन 6 अक्टूबर को अजमेर में आयोजित आम सभा मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुआ । इस दौरान मुख्यमंत्री राजे ने लगभग 165 विधानसभा क्षेत्रों में साढ़े चार हजार किलोमीटर का सफर तय करके यात्रा की । खास बात यह रही कि सी एम के हर विधानसभा क्षेत्रों में घूमने से राज्य के सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी गौरव यात्रा में व्यस्त रहे । छोटे से लेकर बड़े स्तर तक के हर कोई अधिकारी केवल सी एम की मिजाजपुर्सी करने में ही लगे रहे जिससे बीते दो महीनों में जनता के लिए किए जाने वाले सारे जरूरी लगभग ठप्प से हो गए । खास बात यह है कि यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री राजे को हजारो लोगो ने अपनी समस्याओं के बारे में ज्ञापन भी दिए , कई नेताओं ने क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं से अवगत करवाया । मुख्यमंत्री ने भी सभी समस्याओं को खत्म करने का भरोसा दिलाया था । लेकिन वो सारे ज्ञापन और समस्याये भी अब आचार सहिंता लगने के बाद रद्दी के कागज की तरह हो गए है ।

*राज्य के सभी डेढ़ लाख हड़ताली कर्मचारियों ने लिया बीजेपी को उखाड़ फेखने का संकल्प ••••*
राज्य के सभी डेढ़ लाख कर्मचारी भले ही आज हड़ताल समाप्त करके फिर से काम पर लौट आये हो लेकिन बीते 23 दिनों तक हड़ताल करने के बावजूद भी जब सरकार ने उनकी मांगे मानना तो दूर उनसे बात तक नही की थी । इस बात का गुस्सा और गहरी नाराजगी आज भी सभी हड़ताली कर्मचारियों के दिलो में जिंदा है । इस बात का ईशारा उन्होंने हड़ताल खत्म करने से पहले खुलकर कर भी दिया है । हड़ताली नेताओ ने कहा है कि आज भले ही वे काम पर लौट रहे है लेकिन काम पर जाने से पहले यह संकल्प भी ले रहे है कि राज्य की अभिमानी और घमंडी बीजेपी सरकार और उनके नेताओ की जड़े उखाड़ कर ही दम लेंगे । रोडवेज बसों के चालक परिचालकों ने भी कसम खाई है कि जहां भी जाएंगे वहां मुसाफिरों से बीजेपी के खिलाफ मतदान करने की अपील करेंगे ।

अब कर्मचारियो की हड़ताल और गुस्से का बीजेपी और उनके नेताओ पर कितना असर होता है यह तो दो महीनो बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के नतीजे ही बता पाएंगे लेकिन फिलहाल आचार सहिंता लग जाने से हड़ताल खत्म हो चुकी है और राज्य की लगभग सात करोड़ गरीब और आम जनता को राहत की सांस ली है ।

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171960*

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