केकड़ी नगर पालिका में सहवरण सदस्यों के मनोयन की चर्चा शुरू

पांच में से तीन पुरुष व दो महिला मनोनीत पार्षद हो सकते हैं. कईयों के नाम चर्चा में !*
*नगर पालिका बोर्ड में कांग्रेस पार्षदों की स्थिति मजबूत करने के प्रयास, अभी 30 में से केवल 3 पार्षद हैं कांग्रेस के. बोर्ड गठन को चार साल होने आए फिर भी रिक्त पड़े हैं पद*

तिलक माथुर
केकड़ी नगर पालिका में ताजा घटनाक्रम के बाद अब सहवरण सदस्य नियुक्त किए जाने की चर्चायें शुरू हो गई है। नगर पालिका में 5 सहवरण सदस्य राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने हैं। इसके लिए कांग्रेस के स्वच्छ छवि वाले निष्ठावान, योग्य कार्यकताओं को प्राथमिकता मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार स्थानीय निकायों में क्षेत्रीय विधायक की अनुशंसा सहवरण सदस्यों की नियुक्ति करती है। मगर यहां नगर पालिका बोर्ड गठन के बाद से अब तक सहवरण सदस्यों की नियुक्ति पिछली सरकार ने नहीं की जबकि तत्कालीन विधायक चाहते तो पार्टी के 5 कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार से नियुक्त कराकर उन्हें उपकृत कर सकते थे। बोर्ड गठन के बाद प्रारम्भ में सहवरण सदस्यों के मनोयन की कवायद शुरू हुई थी और 5 कार्यकर्ताओं के नाम भी चयन कर लिया गया था लेकिन आखिर तक नियुक्ति नहीं की जा सकी। इसके पीछे कुछ भी कारण रहे हों मगर इसका लाभ भाजपा कार्यकर्ताओं को नहीं मिल पाया। लेकिन अब राज्य में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद यहां नगर पालिका में सहवरण सदस्यों के मनोयन की चर्चायें शुरू हो चुकी है। कहा जा रहा है कि नगर पालिका बोर्ड में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए भी सहवरण सदस्यों की नियुक्ति को महत्व दिया जा सकता है। वहीं माना जा रहा है कि इस नियुक्ति से शहर के विकास को गति मिलेगी। वर्तमान में पालिका में 30 में से कांग्रेस के मात्र 3 पार्षद हैं। सहवरण सदस्यों की नियुक्ति के साथ यह संख्या 8 हो जाएगी। वहीं 5 कार्यकर्ता उपकृत होंगे। बताया जा रहा है कि पांच में से तीन सदस्य पुरुष व दो महिला सदस्यों की नियुक्ति की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि पांच सहवरण सदस्यों के चयन में जातिगत समीकरण को मद्देनजर रखते हुए कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा। जिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नामों की चर्चा है उनमें शिखरचंद जैन, भागचंद मूंदड़ा, रामेश्वर उपाध्याय, मूलचंद कोली, चेतन रैगर, शंकर लाल तेली, महिलाओं में हवा पाराशर, चंदा महावर, कृष्णा जोधा, मीरा खटीक सहित अन्य कुछ नाम शामिल है। हालांकि इस बोर्ड का कार्यकाल अब करीब सवा साल शेष रहा है। लेकिन शहर के विकास के लिए समय मायने नहीं रखता क्योंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है एंव क्षेत्रीय विधायक व चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा गांवो के साथ केकड़ी शहर में भी चहुंमुखी विकास चाहते हैं। गौरतलब है कि सहवरण सदस्य को केवल वोट देने का अधिकार नहीं होता है बाकि सब अधिकार निर्वाचित पार्षदों की तरह होते हैं। बोर्ड की बैठक में चर्चा में भाग लेने के साथ अन्य कार्यों में आवश्यक होने पर सहवरण सदस्य भी अपनी सलाह दे सकते हैं। सहवरण सदस्यों की नियुक्ति राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 6 (1) (क) (ii) के तहत राज्यसरकार राजपत्र में अधिसूचना के तहत कर सकती है और इन्हें हटा भी सकती है।

*तिलक माथुर*
*केकड़ी_अजमेर*
*9251022331*

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