जी हाँ अजमेर का JLN जवाहर लाल नेहरु अस्पताल अपने नाम की तरह एक लाल है इसका कोई सानी नहीं.
आज के अखबार में आया की एक छोटे बच्चे ने केवल इसलिए दम तोड़ दिया की उसको समय पर वेंटीलेटर से ऑक्सीजन नहीं दी गयी. डॉक्टर ने भी अखबार में बयान दिया है हमारे पास वेंटीलेटर नहीं था और सरकार दावा करती है निशुल्क दावा का जो भी पूरी नहीं मिलती हमारे समित शर्मा हर बार अजमेर दौरा करते हैं और डांट कर चले जाते हैं. करोडो रुपये खर्च होने के बाद सरकारी स्तर पर ये खुलासा है की जी हाँ हमारे पास नहीं है वेंटीलेटर आएगा जब मरीज़ बचा लेंगे. ये कोई नई बात नहीं है इस अस्पताल की बद इन्तेजामी की कहानी की.
मेरा अनुभव है की जहाँ जहाँ की अस्पताल मेडिकल कॉलेज से जुड़े हैं वहां बद इन्तेजामी ज्यादा है.
नगीना इसलिए कहा की हमारे राजस्थान की स्वास्थ्य मंत्री राजकुमार शर्मा तक का गला यहाँ के डॉक्टर पकड़ चुके है कितनी बड़ी बात है और मंत्री जी कुछ नहीं कर पाए.
फेसबुक के माध्यम से ये बात हम पहले भी उठा चुके है की जितने भी आपातकालीन वार्ड है उसमे क्लोज सर्किट टीवी होना चाहिए ताकि दूध का दूध और पन्नी का पानी हो जाये पर एक लॉबी लगी हुई है जो इसको क्रियान्वित नहीं होने देना चाहती वो क्यों आप समझ गए होंगे.
ये संभाग के सबसे बड़े अस्पताल के हाल है जिसकी कहानी कहते कहते अखबार वाले भी थक गए.
जय हिन्द
जय अजमेर की जनता.
-ऐतेजाद अहमद खान