शिव कुमार बंसल शहर कांग्रेस के अघोषित स्वागताध्यक्ष?

दोस्तों, कुछ लोग किसी पद पर आसीन हो कर सम्मानित होते हैं तो कुछ लोकेशणा की खातिर खुद ही पद की रचना ही डालते है। दूसरे किस्म के कम ही होते हैं। आपको ख्याल में होगा कि एक षख्स का नाम व फोटो मीडिया में हर रोज नजर आता है। एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरता, जब उनका नाम मीडिया में षाया नहीं होता। षायद ही कोई ऐसा दिन होता होगा, जब वे किसी न किसी राजनीतिक या सामाजिक कार्यक्रम में षिरकत न करते हों। पहचान पाए या नहीं। चलो, हम ही बता देते हैं। वे हैं षिव कुमार बंसल। हैं तो षहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान महासचिव, मगर जिस प्रकार सक्रिय बने हुए हैं, वैसा कोई पदासीन नेता ही करता है। इन दिनों वे फुल टाइम राजनीति कर रहे हैं।
ऐसा तो हो नहीं सकता कि उनको किसी डाक्टर ने सलाह दी हो, जरूर उसके पीछे कोई तो मकसद होगा ही।
पिछले दिनों कांग्रेस का जो भी नेता अजमेर आया, उसकी अगवानी उन्होंने की है। सूचना मिलने पर अपनी टीम के साथ स्वागत के लिए पहुंच जाते हैं। दरगाह जियारत व तीर्थराज पुश्कर की पूजा अर्चना से लेकर उसकी खबर और उनका बयान मीडिया को वे ही जारी करते हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री अषोक गहलोत के अजमेर आने पर स्वागत में फुल पेज का विज्ञापन दे कर तो उन्होंने सबको चौंका दिया था, जबकि अन्य किसी एक भी नेता ने एक लाइन का भी विज्ञापन नहीं दिया। सबको पता है कि राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड की प्रतिदिन की गतिविधि की खबर वे ही अखबारों में छपवाते हैं, स्थानीय अन्य नेता भी खबर के लिए उनको तलाषते हैं। जाहिर तौर पर जिनको अखबार में नाम छपवाने का षौक है, वे उनकी मिजाजपुर्सी करते ही होंगे।
बेषक निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन आधिकारिक रूप से अपनी जिम्मेदारी को अंजाम देते हैं, मगर ऐसा प्रतीत होता है कि अधोशित स्वागताध्यक्ष तो बंसल ही हैं, जो इस बात का खयाल रखते हैं कि आज कौन सा नेता आ रहा है। आगंतुक नेता के लिए इससे अच्छा क्या होगा कि उसका बढिया स्वागत हो जाता है, खबर भी ढंग से छप जाती है। यानि प्रवक्ता और प्रचार मंत्री का काम वे ही कर रहे हैं। अन्य निवर्तमान प्रवक्ता यदा कदा ही विज्ञप्ति जारी करते हैं, और वह भी जैन के कहने पर। कुल जमा निश्कर्श यही है कि बंसल के लिए स्वागताध्यक्ष पद क्रियेट कर दिया जाना चाहिए। खुद उन्होंने तो उसकी रचना कर ही दी है। उनकी अतिरिक्त सक्रियता के चलते एक बारगी तो यह अफवाह फैल गई कि उनको षहर अध्यक्ष बनाया जाना तय हो गया है। अन्य दावेदारों में हलचल मच गई। वे भी सक्रिय हो गए। जब पता लगा कि अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है, तब जा कर षांति हुई।

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