दौड़ के लिए दौड़-धूप

अब अजमेर दौड़ेगा ..दौड़ने से पहले वो काफी दौड़-धूप कर रहा है .इसलिए इन दिनों शहर में दौड़ और धूप दोनों के बड़े चर्चे हैं .मतलब की पूरा शहर दौड़ की बातें धूप में खड़ा होकर कर रहा है .कुल मिलाकर दौड़ धूप कर रहा है क्योकि अजमेर अब दौड़ेगा .
वैसे भी दौड़ने से ज्यादा मजा दौड़ धूप में आ रहा है . सर्दी में गर्मी का अहसास दे रही है .एस अहसास को अपने-अपने तरीके से सब जी रहे है .कुछ गर्म हो रहे है ,कुछ गर्मी निकाल रहे हैं .कुछ गर्मी खा रहे हैं, कुल मिलाकर ठंडी होने के बावजूद ठंडे शहर में पहली मर्तबा कचोडी के अलावा कुछ गर्म देखने सुनाने और कहने को मिला है ..इसी चक्कर में दोनों राजनैतिक दल,दलगत राजनीती की ठंड से उबरकर हरकत में आ गए हैं .दौड़ धूप करते हुए धूप में आकर बैठ गए हैं यानी की बैठकों में भाग ले रहे हैं .की हम भी दौड़ेंगे ताकि सही समय पर किसी न किसी के पैरों पर खड़ा हुया जा सके .और तो और अखबार यानि मीडिया जो अँधेरे में छपता है ,झांकता है,बटता  है,  वो भी एस बार धूप में दौड़ने के लिए दौड़ धूप कर रहा है .कुछ खेल संघ जिन्होंने अपने संघ मेंअनेक खेल खेले  किसी ने उनकी वो दौड़ धूप नहीं देखी इसलिये ये दौड़ धूप कर रहे हैं .कुछ संस्थाएं जो कभी कभी चलती थी ,चलते चलते थक गयी या बैठ गयी या खो  गयी, अचानक दौड़ देखकर दौड़ धूप में लग गयी .हो सकता है अजमेर की दौड़ से वो दुबारा चलना शुरू कर दें .
अजमेर के लिए दौड़ अजमेर के लिए सोच ..अजमेर दौड़ते हुए सोचेगा ,सोचते हुए दौड़ेगा की वो क्यों दौड़ रहा है .सदा से अजमेर ने बैठ कर सोचा ,बैठकें ली ,बैठकें की ,..कभी कभी लेटकर भी सोचा की वो हर मामले में क्यों लेट हुया ..पर इस बार दौड़तें हुए सोचेगा की उसे क्या सोचना  चाहिए फिलहाल तो वो  दौड़ की दौड़ धुप में लगा हुया है .
डाक्टर दौड़ धुप में हिस्सा ले रहे हैं .उनकी सलाह है की दौड़ने से अजमेर की सेहत ठीक हो जायगी  .. क्योकि इसे सालों -साल  मीठी गोलियां दी गयी हैं ये डायबीटीज का मरीज है ,बीच-बीच में बड़े-बड़े कांड होने से खून खौलानें के कारण BP की शिकायत है ,आँखों में मोतियांबिंद भविष्य नहीं दिखता ,वर्तमान कैसे  पढ़े दिमाग काम नहीं करता ,कुल मिलाकर शहर अनेक बीमारियों से ग्रस्त है ,वो बीमारियाँ ही दौड़ धूप में लगी है की शहर ठीक हो जाए .धूप से खून का दौरा बढेगा ,दौड़नें से शुगर कण्ट्रोल होगी ,हो सकता है इस दौड़ धूप के बाद शहर को दौड़ धूप के मतलब समझ में आ जाए और सचमुच में ही अपनें हितों के लिए  दौड़नें लगे .
अजमेर के दौडनें से पर्यावरण सुधरेगा ,प्रदुषण हटेगा …सबको पता है की नगर में यत्र-तत्र -सर्वत्र कचरा ही कचरा है ,बेचारा नगर -निगम भी कितना साफ़ करें जितना संभव था उसे उसनें अपनें आह्तें में कुछ न कुछ बनाकर या  जीताकर ले ही लिया है  फिर भी नीतिगत मजबूरियों के चलते सड़कों-कड़कों में  बिखरा ही पड़ा रहता है .ऊपर से शहर में बहार की स्थाई गन्दगी भी बस रही है ,.साल दो साल में किसी न किसी कांड का धुंया भी प्रदुषण फैलाता है .फल-फूल वाले सभ्रांत पेड़ कट रहे हैं .ऐसे में प्रदुषण से मुक्ती

रास बिहारी गौड

दौड़ ही दिला सकती है .   क्योकि धूप में कचरा सूखेगा ,गंदगी भागेगी ,दौड़-धूप से अजमेर का  पर्यावरण सुधरेगा. बच्चें ,बूढें , जवान साथ साथ दौड़ेंगे .दौड़ते हुए अजमेर अपनी ताकत को समझेगा की चलतें कैसे हैं ,पैरों पर खड़े कैसे होते हैं ,यक़ीनन इसी चक्कर में हम भी दौड़ धूप कर रहे हैं की अजमेरदौड़ना  सीख रहा है . कलम घसीटाई  भी उसी  दौड़ धूप का हिस्सा है ..अब अजमेर दौड़ेगा फिलहाल हम दौड़ धूप कर रहे हैं ….

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