ब्यावर नगर आज अपनी दुर्दशा पर रो रहा है

Beawar 1अजमेर जिले का सबसे बड़ा नगर आज अपनी दुर्दशा पर रो रहा है..यहा की गंदी और दलगत राजनीति ने नगर के नाम पर धब्बा लगा दिया है…आज ब्यावर् नगर की सड़को को देखकर लगता है की हम गावो की सड़क पर चलता महसूस कर सकते है. राजस्थान की वर्तमान सरकार द्वारा भी इसकी उपेक्षा जाग जाहिर है..हमारा दुर्भाग्य है की सचिन पाइलेट जैसे लोग हमारा प्रतिनिधित्व नही कर रहे है जबकि हम अजमेर ज़िले का ही एक अंग है. आज राज्य सरकार के ख़ज़ाने को प्रति वर्ष करोड़ो की कर आय देकर भी नगर का विकास नही हुआ है…वर्तमान ही नही पूर्व की समस्त सरकार भी इस के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार है…आज भी यहा के लोग उस दिन को कोसते है जब ब्यावर् नगर को अजमेर लोक सभा से प्रथक कर राजसमंद मैं मिला दिया गया…वही से उपेक्षा की घड़ी अभी तक अनवरत चल रही है…जब सचिन पयलेट जैसे जानप्रिय लोग गावो कस्बो की काया पलट कर रहे है वही उन ही की पार्टी के राजसमंद लोक सभा प्रतिनिधि यहा एक नज़र तक नही देख रहे है…दुर्भाग्य है की अजमेर ज़ोन मैं रेलवे को करोड़ो का राजस्व देने के बाद भी अनेको रेलगाडिया यहा नही रुकती है और लोगो को अजमेर या मारवाड तक दूसरे साधनो से जाना पड़ता है…मेरा अजमेरनामा के मध्यम से निवेदन है की आप ब्यावर् की जनता के समक्ष और जन प्रतिनिधियो तक यह समाचार दे की ब्यावर् नगर की पहचान को फिर से बनाया जा सकता है बशर्ते की लोगो मैं जन चेतना हो…
-आशीष
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