यानि कि पुष्कर सीट पर अड़ा रहेगा रावत समाज

Brahma Mandir 2हाल ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे के सुराज संकल्प यात्रा के दौरान पुष्कर पड़ाव के दौरान जिस प्रकार रावत समाज ने एक बार फिर पुष्कर विधानसभा सीट पर अपना दमदार दावा ठोका है, उससे लगता है कि समाज अब पीछे हटने वाला नहीं है। समाज ने जोर दे कर कहा है कि पुष्कर विधानसभा रावत बाहुल्य क्षेत्र है तथा चुनाव में प्रत्याशी की हार-जीत का फैसला रावत समाज ही तय करता है। दावेदार समुंद्र सिंह ने तो बाकायदा बायो-डाटा देते हुए टिकट की मांग की। उनके अतिरिक्त दावेदारी करने वालों में मुख्य रूप से भाजपा युवामोर्चा के प्रदेश मंत्री व श्रीनगर मंडल अध्यक्ष सुरेश सिंह रावत, एडवोकेट अशोक सिंह रावत, राजेंद्र सिंह रावत आदि भी शामिल हैं। अजमेर शहर भाजपा अध्यक्ष प्रो. रासासिंह रावत भी एक दावेदार माने जाते हैं।
रावत समाज की इस दावेदारी के संदर्भ में आपको बता दें कि कुछ दिन पहले तो समाज की ओर से चेतावनी तक दी गई थी कि अगर कांग्रेस व भाजपा ने टिकट नहीं दी तो समाज तीसरे मोर्चे का समर्थन कर किया जाएगा। बूढ़ा पुष्कर में मत्स्य जयंती पर आयोजित समारोह में राजस्थान रावत महासभा नवयुवक मंडल के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट अशोक सिंह रावत गोवलिया सहित मंडल के प्रदेश महामंत्री सुरेशसिंह मोहमी, प्रदेश संयोजक एडवोकेट महेन्द्र सिंह कानस, महासभा के प्रदेश मंत्री व जिला परिषद सदस्य राजेंद्र सिंह रावत, फूलसिंह, सेवा सिंह, शक्ति सिंह, ओमप्रकाश रावत, उप जिला प्रमुख ताराचंद रावत आदि ने इस बारे में एकजुटता दिखाई। ज्ञातव्य है कि इससे पहले भी पुष्कर स्थित रावत समाज के मंदिर में रावत महासभा राजस्थान की आमसभा में प्रदेश के 15 रावत बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों से टिकट की दावेदारी का फैसला किया गया था। रावत नेताओं के रुख से यह साफ है कि वे ब्यावर सहित पुष्कर में भी समाज के किसी व्यक्ति को टिकट देने पर अड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में ब्यावर से टिकट मिलने के बावजूद ज्यादा टिकटों की मांग कर रहे रावतों ने भाजपा को बड़ा झटका दिया था। रावतों की बगावत के कारण भाजपा को पुष्कर, नसीराबाद और मसूदा सीट से हाथ धोना पड़ा था। पुष्कर में भाजपा के बागी श्रवण सिंह रावत के मैदान में आ डटने के कारण भाजपा के भंवर सिंह पलाड़ा को हार का सामना करना पड़ा। मसूदा में ग्यारसीलाल रावत के निर्दलीय रूप में मैदान में उतरने के कारण भाजपा के नवीन शर्मा हार गए थे। नसीराबाद में रावत समाज के शक्तिसिंह की वजह से प्रो. सांवरलाल जाट हार गए। स्पष्ट है कि पिछले चुनाव में जो झटका रावत समाज ने दिया, उसी के प्लेटफार्म पर खड़े हो कर अब फिर दावेदारी की हुंकार भरी जा रही है। समाज अजमेर जिले में कम से कम दो सीटों पर तो कब्जा करना चाहेगा ही। ऐसे में पहले से कब्जे वाली ब्यावर सीट पर टिकट की प्रबल दावेदारी तो होगी ही, पुष्कर पर भी वे दमदार तरीके से दावा करेंगे।
-तेजवानी गिरधर

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