किशनगढ़ में बिछने लगी है बिसात शह-मात की

k-राजकुमार शर्मा- मदनगंज-किशनगढ़। विधानसभा चुनाव की मुकम्मल तारीख की रणभेरी भले ही अभी नही बजी है, पर किशनगढ़ में चुनावी महाभारत की पदचाप वाली आहट से कांग्रेस व भाजपा दोनों ही प्रमुख दल चौकन्ने हो गये है। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्दे नजर किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भावी विधायक बनने के सपनों को साकार करने हेतु संभावित उम्मीदवारों ने टिकट की दौड़ में वर्चस्व दिखाने के लिए राजनैतिक चौसर पर अपनी गोटिया जमाना शुरू कर दिया है। इसके चलते आपसी अंतर्कलह मूखर हो गई है तथा दलीय गुटबाजी व एक-दूसरे दावेदारों को पटखनी देने का खेल चल पड़ा है।
k1ताजा चर्चा के अनुसार कांग्रेस में अभी ‘मेरी मुठ्ठीÓ में को लेकर कार्यकर्ताओं में बिखराव व दलीय दरार के चलते स्थितियों में बदलाव ला दिया है। जातिय समीकरण में ‘जाटÓ समाज के मतदाताओं को प्रभावी समझे जाने वाली भूमिका ने कांग्रेस के कई ‘चौधरीÓ सूरमाओं में सत्ता-सुन्दरी के वरण की आस जगा दी है। कांग्रेसी खेमें से वर्तमान विधायक नाथूराम सिनोदिया की एकल दावेदारी की बात हवा हो गई है। केन्द्रिय कम्पनी मामलात मंत्री एवं अजमेर सांसद सचिन पायलट से इन दिनों बढ़ी राजनैतिक दूरियों का फायदा जहां युवा कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष एड़वोकेट राकेश शर्मा ने विगत दिवस अपनी ताकत का अहसास भी कराया है। वही सिनोदिया के स्वजातिय बंधू व केन्द्रिय मंत्री सी पी जोशी के खास नरेन्द्र भादू की दावेदारी ने एक बार फिर नींद उड़ा दी है। लेकिन यह भी है कि सिनोदिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गुड बुक में होने से टिकट तय माना जा रहा है। इसके अलावा पायलट के नजदिकीयों में शामिल राजू गुप्ता का नाम भी चर्चा में है। विपक्ष की एकजुटता नही होने का फायदा भी कांग्रेस को मिलेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में भी सिनोदिया की जीत का कारण भाजपा की अंतर्कलह ही रही और इस बार भी शायद इसी का फायदा कांग्रेस को मिलने की पूरी संभावना है।
k2विधायक सिनोदिया ने हाल ही में प्रधानमंत्री की जनसभा में जुटाई भीड़ से यह साफ हो गया कि किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सिनोदिया की पकड़ मजबूत है। क्षेत्र के वर्तमान विधायक सिनोदिया से मुकाबला करना किसी नेता को आसान काम नजर नही आ रहा है। परन्तु इससे पूर्व 10 सितम्बर को अजमेर लोकसभा अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर यह दिखा दिया कि युवाओं का एक बड़ा खेमा उनके साथ है। जिसकी प्रशंसा पायलट ने भी की। भीड़ का अथाह समून्द्र का सैलाब देख टिकट के दावेदारों ने दांतों तले अंगुली दबा ली।
बहरहाल, राजनैतिक उठा-पटक के बीच दिखाई जा रही गुटिय ताकत से छिन-भिन्न हो रही दलीय एकता का परिणाम घातक सिद्ध हो सकते है।

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