जहां जहां मोदी पधारे, वहां वहां बीजेपी के उम्मीदवार हारे

Narendra-modi-poster-newविधानसभा चुनाव के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी का सबसे प्रबल इस्तेमाल नई दिल्ली में किया था। रैली और अन्य प्रचार मसलों में मोदी का नाम तो लिया ही गया मतदान के दिन भाजपा ने सभी अखबारों का पूरा फ्रंट पेज खरीदकर नरेन्द्र मोदी का बड़ा बड़ा विज्ञापन प्रकाशित किया था। लेकिन अब नतीजे सामने आने के बाद यह सच्चाई सामने आ रही है कि दिल्ली में जहां जहां मोदी की सफल रैलियां आयोजित की गई वहां वहां बीजेपी के उम्मीदवार मैदान हार गये।

दिल्ली में जिन जगहों पर मोदी की सफल रैलियां आयोजित की गईं उसमें सबसे पहली और सबसे बड़ी रैली रोहिणी में आयोजित की गई थी। लेकिन रोहिणी में ही बीजेपी हार गई। रोहिणी सीट आम आदमी पार्टी को हासिल हुई है जहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी राजेश गर्ग ने बीजेपी के जयभगवान अग्रवाल को हरा दिया। हालांकि अग्रवाल ने राजेश गर्ग को कड़ी टक्कर जरूर दी लेकिन आम आदमी पार्टी को हरा नहीं पाये। इसी तरह अम्बेडकर नगर में भी आप का उम्मीदवार जीत गया जबकि बीजेपी खुशीराम चुनार दस हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गये। मध्य दिल्ली का बल्लीमारान और सुल्तानपुर माजरा विधानसभा इलाकों में भी मोदी की सभाएं हुई थीं लेकिन ये सीटें भी भाजपा नहीं जीत पाई। बल्लीमारान में कांग्रेस के हारुन युसुफ ने बीजेपी के मोतीलाल सोढ़ी को आठ हजार से अधिक वोटों से हरा दिया जबकि सुल्तानपुर माजरा में बीजेपी चौथे नंबर की पार्टी बनकर रह गई। सुल्तानपुर माजरा की सीट आम आदमी पार्टी के जयकिशन ने जीत ली जबकि कांग्रेस और बसपा क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे।

दिल्ली की ही तरह छत्तीसगढ़ में मोदी का सबसे अधिक पोस्टर ब्वाय के रूप में इस्तेमाल किया गया था लेकिन छत्तीसगढ़ में भी जिन जगहों पर मोदी की सभाएं आयोजित की गई थीं उनमें से अधिकांश सीटें बीजेपी हार गई है। छत्तीसगढ़ में मोदी ने बारह सीटों पर जनसभाएं की थीं जिसमें पांच सीटों पर बीजेपी की हार हुई है। मोदी की मौजूदगी के बाद भी छत्तीसगढ़ ही वह राज्य है जहां सबसे ज्यादा नोटा पर बटन दबाया गया।

मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी को बड़ी सफलता मिली है लेकिन इस सफलता के पीछे नरेन्द्र मोदी हैं, यह कह पाना मुश्किल है। मध्य प्रदेश में जिन 27 विधानसभा सीटों पर मोदी की सभाएं आयोजित की गई थीं उसमें से 26 सीटों पर बीजेपी विजयी रही है। लेकिन इस बार मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत की जैसी लहर उठी है उसे देखकर यह कह पाना मुश्किल है कि इन सीटों पर मोदी का असर हुआ या फिर शिवराज का जादू चल रहा था। मध्य प्रदेश की ही तर्ज पर राजस्थान में मोदी ने कुल 20 विधानसभा सीटों के लिए जनसभाएं की थीं जिसमें से 16 सीटें बीजेपी के खाते में गई हैं। लेकिन इन दोनों राज्यों में महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि दोनों ही राज्यों में बीजेपी के वोट में बड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश में बीजेपी के वोट में 7.6 प्रतिशत की बढ़त हुई है तो राजस्थान में बीजेपी के वोटों में 11.9 फीसदी की बढ़त हासिल हुई है। जाहिर है, इन दोनों राज्यों में क्रमश: शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे फैक्टर बहुत गहरे तक काम कर रहा था। http://visfot.com

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