कैसे मिटेगा भ्रष्टाचार

एस.पी.मित्तल
एस.पी.मित्तल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वे न खाएंगे और न खाने देंगे। यानि देश में भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। मोदी अपने इस वायदे को केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों पर भी सख्ती के साथ लागू कर रहे हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हीं के मंत्रिमंडल के जल संसाधन राज्यमंत्री और अजमेर के सांसद सांवरलाल जाट खरे नहीं उतर रहे है। मंत्री बनने के बाद जाट 13 नवम्बर को पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र अजमेर में आए। जाट का भव्य स्वागत किया गया। यहां तक कि बड़े-बड़े होर्डिंग और दैनिक समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन दिए गए। गंभीर बात यह है कि ऐसा प्रचार उन कम्पनियों ने किया जो जलदाय विभाग में रजिस्टर्ड है। यानि ऐसी कम्पनियां जलदाय विभाग में पेयजल के पाइप सप्लाई करने, लाइन बिछाने, पाइप लाइन की मरम्मत करने आदि का काम करती हैं। चूंकि अब राजस्थान का जलदाय विभाग किरण माहेश्वरी के पास है इसलिए ऐसी कम्पनियों ने अपनी प्रचार सामग्री में जाट के साथ-साथ माहेश्वरी का भी फोटो लगाया। यानि अब पाइप लाइन राजस्थान सरकार से लेकर केन्द्र सरकार तक के बीच बिछ जाएगी। सवाल उठता है कि क्या ऐसी कम्पनियां यूं ही लाखों रुपए खर्च कर रही है? सब जानते हैं कि राजनेताओं के संरक्षण से ही ऐसी कम्पनियां भ्रष्टाचार करती है। नरेन्द्र मोदी कम्पनियों और राजनेताओं की सांठगांठ को किस प्रकार रोकेंगे। यह आने वाला समय ही बताएगा। कम्पनियों के साथ सांठगांठ में अजमेर जिले में कई भाजपा विधायक भी सक्रिय हो गए है। केन्द्र में जल संसाधन मंत्री बनने से पहले राजस्थान में सांवरलाल जाट ही जल संसाधन मंत्री थे। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि वसुंधरा राजे के पिछले शासन में भी जाट इसी विभाग के मंत्री रहे। यही वजह है कि कम्पनियां अब जाट के सम्मान में प्रचार पर धनराशि खर्च करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।   (एस.पी.मित्तल)

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