-उप्र में भाजपा की फिर बन सकती है सरकार, तो पंजाब में ‘आप’ की लग सकती है लॉटरी
-उत्तराखंड व गोवा में पक सकती है खिचड़ी, तो मणिपुर में भाजपा मार सकती है बाजी
✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
👉पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के 10 मार्च को आने वाले परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। चिल्ला-चिल्ला कर अनेक टीवी चैनलों पर दिखाए-बताए जा रहे एग्जिट पोल धराशायी हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश में हालांकि भाजपा फिर से सरकार बना सकती है, लेकिन इस बार उसका वोटिंग प्रतिशत घट सकता है और उसकी सीटें भी पिछली बार से कम हो सकती हैं। यदि हम चुनाव परिणाम से पूर्व के अनुमान की बात करें तो यह माना जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी फिर से सरकार बनाने की स्थिति में आ सकती है या यूं कहें कि वह पूर्ण बहुमत हासिल कर सकती है। राजनीतिक आकलन के अनुसार समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले इस बार अच्छा रह सकता है। हालांकि समाजवादी पार्टी के सरकार बनाने की स्थिति में आने की संभावना बहुत कम नजर आती है, किंतु इस बार उसका वोटिंग प्रतिशत बढ़ने के साथ-साथ सीटें भी बढ़ने के आसार दिखाई देते हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की लॉटरी लगने की संभावनाएं नजर आ रही हैं, लेकिन देखना यह होगा कि वह सरकार बनाने की स्थिति में आती है या नहीं। पंजाब में कांग्रेस कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के पार्टी से बाहर होने का खामियाजा कहीं ना कहीं कांग्रेस को चुकाना पड़ सकता है।
कांग्रेस की सीटें घटने के साथ वोटिंग परसेंटेज भी घट सकता है। अब देखना यह है कि पंजाब में कांग्रेस या आप में से सरकार कौन बनाता है। गोवा और उत्तराखंड में स्थिति फिलहाल स्पष्ट दिखाई नहीं देती है। हो सकता है कि इन दोनों राज्यों में इस बार खिचड़ी पके, किंतु मणिपुर में भाजपा द्वारा सरकार बनाए जाने की संभावनाएं दिखाई देती है। इस बार पांचों राज्यों के चुनाव परिणाम कुछ अलग ही हो सकते हैं और इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि टीवी चैनलों द्वारा दिखाई जाए रहे एग्जिट पोल कहीं धराशायी ना हो जाएं, क्योंकि पिछले कई बार इन चैनलों के एग्जिट पोल औंधे मुंह गिरते नजर आए हैं। अब देखते हैं कि कल 10 मार्च को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की खुलने वाली ईवीएम से किस-किस राजनीतिक दल को जनता-जनार्दन का आदेश मिलता है। किस पार्टी के सिर पर सफलता का सेहरा बनता है और कौन-सी पार्टी जनादेश को शिरोधार्य कर आत्ममंथन के लिए मजबूर होती है। यह इस देश की बहुत बड़ी खूबी है कि यहां राजनीतिक दलों और नेताओं का भाग्य जनता लिखती है। अब जनता के निर्णय की सभी को प्रतीक्षा है।