तू देख तमासा मेरा भी
संसद में बैंकों के एन. पी. ऐ. पर प्रधानमंत्री के भाषण से लगता है कि इस व्यक्ति की करनी और कथनी में कितना फर्क है यह वयक्ति अपनी कथनी के शब्दों में मानवीय मूल्यों की ईमानदारी की चिकट से चिकना दिखाने में प्रयासरत रहता है जबकि इसकी करनी मूल रूप से केवल राजनीतिक और द्वेषता … Read more