भीतर की अनुभूतियों का दर्शन शास्त्र है “मेरे रहते”
हेमंत जो हमारे बीच एक अमर याद बनकर बस गया है: विश्व मैत्री मंच के सभी साथियों को देवी नागरानी का सप्रेम नमस्ते “ बाहर की लौ जगमग जगमग भीतर के क्यों जली बुझी है मन में घोर अमावस कैसी कोई नारी मन से पूछे” मैं नारी मात्र नहीं, एक माँ भी हूँ, और आज … Read more