ग्रामीण शिक्षा में एकल विद्यालय की महत्त्वपूर्ण भूमिका

अजमेर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा संचालित एकल विद्यालय की ग्रामीण शिक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, संस्कार, स्वास्थ्य, स्वरोजगार आदि के कार्य भी ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे है। रविवार को यहां वैशाली नगर में एक समारोह स्थल पर आयोजित समारोह में अजमेर जिले के एकल विद्यालय के आचार्यों ने भाग लिया। जिला स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए एकल विद्यालय अभियान के अखिल भारतीय सहसंगठन प्रभारी अजय पारीक ने कहा कि आज देश में संघ के एकल विद्यालय की भूमिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण हो गई है। विद्यालय का आचार्य उसी प्रांत और क्षेत्र की सामाजिक, धार्मिक परिस्थितियों में रहकर शिक्षा का काम कर रहा है। अजमेर के मगरा क्षेत्र से लेकर छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में भी एकल विद्यालय चल रहे है। अभियान के प्रांतीय अध्यक्ष नरपत सिंह शेखावत ने कहा कि जहां सरकार की योजनाएं कारगर नहीं हो रही है, वहां हमारे आचार्य घर-घर जाकर पढ़ाने का काम कर रहे है। एक आचार्य अपने क्षेत्र के 50 से भी ज्यादा घरों में दस्तक दे रहा है। अभियान के संभाग प्रमुख मोहन कुमावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के जो लोग विषम परिस्थितियों की वजह से पढ़ाई नहीं कर सकते, उन्हें एकल विद्यालय का आचार्य उसकी सुविधा के अनुरूप पढ़ाई करवाता है। हालांकि यह कार्य चुनौतीपूर्ण है, लेकिन फिर भी विद्यालय का प्राचार्य विषम परिस्थितियों में घर-घर पहुंचता है।
विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री उमा शंकर शर्मा ने कहा कि अजमेर जिले में एकल विद्यालय अभियान चलाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है। उन्होंने कहा कि विद्यालय के प्राचार्य जरूरी शिक्षा ही नहीं देता, बल्कि स्वस्थ, रोजगार, संस्कार आदि के बारे में भी जानकारी उपलब्ध करवाता है। आज देश के सामने अपने संस्कारों को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर स्वयं चालक सुनील दत्त जैन ने कहा कि संघ का एकल विद्यालय अभियान एक महत्त्वपूर्ण काम है। हम उन लोगों तक पहुंचते हैं जो स्कूलों में जाकर पढ़ाई नहीं कर सकते। जैन ने कहा कि आजादी के 6 5 वर्ष बाद भी ऐसे क्षेत्र है, जहां शिक्षा का अभाव है। ऐसे अनेक परिवार है जो गरीबी की वजह से अपने बच्चों को स्कूलों में पढऩे के लिए नहीं भेजते है। इन परिस्थितियों को देखते हुए ही संघ ने एकल विद्यालय अभियान चला रखा है। संघ प्रचारक विश्वदेव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास में एकल विद्यालय अभियान की खास भूमिका है। जो लोग इस अभियान से जुड़े हुए है, उन्हें पता है कि हमारा आचार्य कितनी महत्त्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाता है।
समारोह में एकल विद्यालय के जिला प्रभारी सुभाष काबरा ने बताया कि अजमेर जिले में करीब साढ़े तीन सौ एकल विद्यालय सक्रिय है। विद्यालय के एक आचार्य का 50 से भी ज्यादा परिवारों से सम्पर्क है। संगठन की दृष्टि से जिले को चार अंचलों में विभाजित कर रखा है। उन्होंने बताया कि आचार्यों में महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। हमारा प्रयास होता है कि क्षेत्र के ही पढ़े-लिखे युवक-युवती को एकल विद्यालय की जिम्मेदारी दी जावे। सम्मेलन के शुभारंभ पर उमेश गर्ग, चेतन धामा, जगदीश कांकाणी, चिरंजीलाल शर्मा आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।
-उमेश गर्ग

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