अजमेर 27 सितम्बर: पूजा क्या हैं ? क्यू करनी है? किसकी करनी है? तथा कैसे करनी है?
इन सभी बातों पर मुनि प्रमाण सागर जी महाराज ने अपने व्यतव्य व्यक्त करते हुए कहा कि पूजा ऐसी क्रिया है जो भगवान के गुणनुवाद में की जाती है। पूजा हमारे सम्रग जीवन के रूपान्तरण की क्रिया हैं। पूजा से मन अच्छा बनता हैं, व इसे व्यक्ति अपनी आत्मा को पहचान सकता हैं। पू का अर्थ पवित्र होना, विवेक करना, उपाय ढूंढना, मांजना, फटकना आदि हैं । मन को पवित्र करने के लिए अपने आप को प्रभु के चरणों में अर्पित करना होगा। सच्ची पूजा भगवान के साथ संवाद स्थापित करना है जिससे सम्यक्तव की प्राप्ति होती है। अपना विवेक जाग्रृत करों तथा सार को भीतर रख कर असार को बहार निकालों। जा का अर्थ भगवान को जानना और अपने को भगवान के गुणों मे आत्मसात करना है।
पूजा क्यों करे ? पापों को धोने के लिए पूजा की जाती हैं किन्तु मैं कहता हॅॅू कि पाप छोडनें के लिए पूजा करोगें तो जीवन पवित्र हो जाएगा। पाप धोने के लिए नही अपितु पापों को त्याग के लिए पूजा होनी चाहिए। पूजा से अहोभाव की वृद्धि होती है। चित की निर्मलता ही आत्मा की पवित्रता हैं। पूजा सें ही अपने चिंतन में परिवर्तन लाना है परमात्मा से आत्मा का संबंध जोडेगें तो चेतना चमकेगी।
पूजा किसकी करनी चाहिए? जिससे हमें प्रेरणा मिले उसकी करनी चाहिए। भीतर के परमार्थ को पाने के लिए भगवान की शरण में जाओंगे तो सब कुछ मिल जाऐगा। शांति प्रभु के चरणों मे ही मिलेगी। यदि शांति मिल गई तो बाकि चीजे स्वयं ही मिल जाएगी।
पूजा कैसे करें? पूजा तन्मयता से, तल्लीनता से एंव समर्पित भाव से होनी चाहिए। बंदी हुई क्रियाएं वाछिंत परिणाम नही दे सकती हैं। भावों से भरकर एकाग्र मन से अष्ट द्रव्यों के माध्यम से अपनी भक्ति प्रकाशित करने का नाम ही पूजा है। चेतना से भरकर पूजा करों जड पूजा में आंनन्द नही है।
सह प्रवक्ता दिनेश सेठी ने बताया कि आज की धर्म सभा का शुभारंभ श्रीमति वंदना जैन के मगलाचरण से प्रांरभ की गई। तत्पश्चात् मांगलिक क्रियाएं सम्पन्न कराने का सौभाग्य श्री राहुल, मेघा, श्रेणिक जैन मातृश्री श्रीमति इंन्द्रा जैन द्वारा किया गया। समिति के ओर से दिनेश सेठी, कोमल लोहाडिया व श्रीमति रूपश्री मोडासिया द्वारा आगंन्तुको का स्वागत एंव अभिनन्दन किया गया। समिति के प्रमोदसोनी, अजय दनगसिया, पुखराज पहाडिया, केलेन्द्र पुनविया, अंकित पाटनी, प्रदीप पाटनी, ज्ञानचंद गदिया एंव सुनिल ढिलवारी सहित समस्त जैन समाज उपस्थित थी।
सह प्रवक्ता केलेन्द्र पुनविया ने बताया कि कल प्रात 6.15 बजे श्रीजी के अभिषेक, शांतिधारा एंव पूजन 7.00 बजे जैन तत्व विद्या की कक्षा, 8.15 बजे से मुनि के मंगल प्रवचन दोपहर 3.00 बजे स्वाध्याय एंव सां 6.15 बजे शंका समाधान का कार्यक्रम आयोजित कियेे जावेगे। शंका समाधान का सीधा प्रसारण जीनवाणी चैनल पर किया जाता है।
दिनेश सेठी,
सह-प्रवक्ता, 9829122270