उषा राजे सक्सेना की रचनाओं का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल: उषा राजे सक्सेना

उषा राजे सक्सेना
उषा राजे सक्सेना

1-भुज जे भूकम्प केए एक मंजर
सुबह से शाम होने को आई
लाचार मुर्दे
सफ़ेद चादरों में लिपटे
बेचैनी से
अंतिम संस्कार का
इंतज़ार कर रहे हैं……!

2
लाशों के पटे मैदान
आंसुओं के उफ़ने सैलाब
मार कर ज़माने को
खुद मर गई मौत
वीरानगी में…..!
पता: सह-संपादक- पुरवाई, लंदन। अध्यक्ष- ग्रेट ब्रिटेन हिंदी लेखक संघ, 54, Hill Road, Mitcham, Surrey, CR4 2HQ. UK

Devi nangrani
देवी नागरानी

सिन्धी अनुवाद: देवी नागरानी
1-भुज के भूकम्प जो हिकु मंजरु
सुबह खाँ शाम थियण ते आई
लाचार मुर्दा
अच्छ्युन चादरुन में वेढ्हियल
बेचैनीअ साँ
अंतिम संस्कार जो
इंतज़ार करे रहया आहिन……!

2
लाशुन साँ भरियल मैदान
लुडुकन जो लबालब सैलाब,
मारे ज़माने खे
खुद मरी वई मौत
वीरानगीअ में…..!
पता: ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358

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