एक समय ऐसा भी था – समय तब और अब

डॉ. जुगल किशोर गर्ग
डॉ. जुगल किशोर गर्ग

एक जमाना ऐसा भी था जब देश में जन नेता आम जनता की बात/समस्याओं को ध्यान से सुनते थे किन्तु आज सिर्फ व्यापारिक घरानों की ही बात सुनी जाती है |
एक जमाने में नेताओं का लक्ष्य गरीब से भी गरीब की भलाई के कार्यक्रमों केंद्र मे रख कर नितीयां बनाई जाती थी किन्तु आज तो सिर्फ पूंजीपतियों और उद्द्योगपतियों के हित साधन के लिये नीतियाँ बनाई जाती है |
किसी जमाने में नेताओं के चारों तरफ साधारण जनमानस होते थे किन्तु आज के नेताओं के चारों तरफ उनके बन्दूकधारी कमांडों ही रहते हैं |
किसी जमाने में गांधीजी जैसे जननेताओं के नाम पर कसमे खाई जाती थी किन्तु आज के जमाने में माताएं आज के नेताओं का नाम लेकर अपने बच्चों को डराया करती हैं |
कोई समय था जब समाजविरोधी तत्व/गुंडे/ अपराधियों का घर जेल ही होता था किन्तु आज निर्वाचक (मताधिकार प्राप्त नागरिक ) उन्हें ससम्मान चुनावों में जीता कर लोकसभा/ विधानसभा/ नगरनिगम आदि मे भेजते हैं |
किसी जमाने में पंचों को परमेश्वर माना जाता था किन्तु आज पंच/सरपंच न्याय से कोसों दूर रहते हैं और सिर्फ अपने स्वार्थ के लिये न्याय का खुले आम कत्ल करते हैं |
किसी जमाने में सिद्धांतों पर राजनीती की जाती थी, राजनेता जीवन पर्यन्त अपने अपने सिद्धांतो पर अटल रहते थे किन्तु आज तो अपने तुच्छ निजस्वार्थों के खातिर पार्टी बदल सत्ताशीन होने की होड़ मची है, कल तक वें जिन सिद्धांतो का खुले आम विरोध करते थे आज वें ही उनका गुणगान कर उनके शरणागत होने में अपनी शान समझते हैं |
एक समय था जब अख़बारों की निती का निर्धारण अख़बार के संपादक सर्वहित में निस्वार्थ भावना से करते थे, सच्ची,सही खबरें प्रकाशित होती थी किन्तु आज ओध्योंगिक घराने समाचार पत्रों के सम्पादकों को अपना सेवक बना कर अख़बार एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरीयें अपने स्वार्थ पूर्ती हेतु आधी सच्ची-झूठी खबरें देकर जनमानस को भ्रमित कर अपने व्यापरिक स्वार्थ एवं अपने राजनेतिक आकाओं की जी हजुरी के लिये करते हैं | पेड न्यूज़ के जरिये सत्ता प्राप्त की जाती है |
कोई समय था जब साधारण जनता भी डॉक्टर एवं शिक्षक (गुरु) का दिल से आदर और सम्मान करती थी उन्हें अपना आदर्श मानती थी किन्तु आज तो डॉक्टर –गुरु को चाहिए सिर्फ पैसा-पैसा-पैसा |
एक जमाने में शिक्षक शिक्षा प्रदान करता था और शिष्य शिक्षा ग्रहण करता था किन्तु आज शिक्षक पूर्णत व्यापारी बन गया है और शिष्य उसके उत्पाद का खरीददार हो गया है |
एक वक्त्त जनसंख्या एक बड़ी और विकराल समस्या बन गयी थी किन्तु आज यह एक उभरता बाज़ार बन चुका है |
एक जमाने में गोल्डन रूल से शासन चला करते थे किन्तु आज अगर आप के पास गोल्ड (सोना ) हो तो ही आप शासन कर सकते हैं |
एक जमाने में जीवन मे सफलता का अर्थ था अपने सिद्धांतों एवं आदर्शों पर चल कर जीना किन्तु आज के समय सफलता अर्जन के लिये जरूरी है अपने सिद्धांतो और आदर्शों को तिलाजंली देना उन्हें पुरी तरह से भूल जाना |
एक जमाने में आदमी अपनी आत्मा के कल्याण हेतु सच कहना, सच सुनना और सच देखना आवश्यक मानता था किन्तु आज सफलता प्राप्त करने/ आगे बढने के लिये इन को तिलांजली देकर ,निजस्वार्थ के लिये ही झूठ बोलना,झूठ सुनना और झूठ को सच बना कर प्रचार करना जायज बन चुका है |
एक जमाने में धार्मिक सहिष्णुता हमारी संस्क्रति का अभिन्न होता था किन्तु आज तो धार्मिक उन्माद का बोलबाला है |
एक जमाने में सुन्दरता आखों में बसती थी किन्तु आज सुन्दरता को व्यापार एवं धन कमाने की वस्तु बना दिया गया है |
एक जमाने में सरकारें निष्पक्ष/तर्कसंगत/न्याय संगत तरीके से काम करती थी, सेक्स के प्रदर्शन को हेय एवं गंदा माना जाता था किन्तु आज के समय इसके बारे में क्या कहा जाये, पता नहीं ?
किसी जमाने में नारी का सर्वत्र सम्मान होता था किन्तु आज के वक्त में बलात्कार,अपहरण की घटनायें आम हो गई है, नारी को वास्तव में सुरक्षा एवं सम्मान प्रदान करवाने के स्थान पर इन घटनाओं का राजनीतिकरण कर राजनेतिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश की जाती है |
एक समय मे कहा जाता था कि इतिहास सच का आहिना होता वो कभी झूठ नहीं बोलता किन्तु आज के जमाने मे कतिपय चाटुकार अपनी सोच/ भावनाओं के अनुसार इतिहास को बदलने की कोशिश करते हैं और सफल भी होते हैं |
एक जमाने मे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा/प्रतिद्वंद्वीता के फलस्वरूप श्रेष्ट गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण होता था किन्तु आज तो तथाकथित प्रतिस्पर्धा/प्रतिद्वंद्वीता की वजह से आदमी-आदमी के बीच इर्ष्या/कलह उत्पन्न हो रही है, इंसानियत का जज्बा केवल कागजों में रह गया है |
एक जमाने में हमारी संस्क्रति में वाणी की हिंसा को शाररिक हिंसा से भी बुरा माना जाता था किन्तु आज के उच्चतम पद पर आसीन लोग अनर्गल आरोप-प्रत्यारोप, दोषारोपण, चरित्र हनन के द्वारा जनमानस को भ्रमित कर सत्ता प्राप्त करने का कोई अवसर नहीं छोड़ते हैं, उनके लिये एन केन प्रकारेन सत्ता प्राप्त करना हीं एक मात्र लक्ष्य होता हैं |
किसी समय में कारीगर/दस्तकार/शिल्पकार गुणवत्ता वाले उत्पाद का सर्जन कर अपने आपको गोरान्वित अनुभव करता था किन्तु आज गुणवत्ता मात्र डीपार्टमेंटल वस्तु बन गयी है |
एक समय माउस को अछूत मैमल (स्तनधारी जीव ) समझा जाता था किन्तु आज माउस को खुशी-खुशी हाथ से पकड़ कर उससे काम किया जाता है |
एक जमाना था जब बुद्धीजीवी , अपनी बुद्धी से लोगों को जागरूक करते थे, किन्तु एक जमाना अब है जब बुद्धी का प्रचार अपने ब्रान्डेड महंगे शर्ट और T शर्ट पर खुल्ले आम हास्यास्पद तरीके से प्रदर्शित किया जाता है |
एक समय था जब हंस मोती देते थे और खुद दाना-चुनगा खाते थे और एक जमाना अब है जब, कोवें मोती खाते हैं | समय-समय का भेद है—–समय समय का नजरिया हैं —–सबको साधुवाद
डा. जे.के गर्ग

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