स्वामी विवेकानंद ही मेरे आदर्श – डा. मिथिलेश गौत्तम

IMG_20141202_224715-उज्ज्वल जैन- अजमेर जिले के जुनियाँ गाँव से निकलकर प्रदेश की छात्र राजनीती में फर्श से अर्श तक का सफ़र तय करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के प्रदेश संगठन मंत्री डा. मिथिलेश गौत्तम ने अपनी प्रतिभा , कौशल एवम क्षमता से अनेक मुकाम हासिल किये है । उनके जीवन और युवाओं की वर्तमान परिपेक्ष्य में भागीदारी के बारे में उज्ज्वल जैन से हुयी खास बातचीत के अंश –

प्र. – एक छोटे से गाँव जुनियाँ से आपने छात्र राजनीती का सफ़र तय किया , इस में किन चुनौतियों का सामना करना पडा ??
उ. – विद्यार्थी परिषद् से मैं विद्यालय स्तर से जुड़ा , जैसे जैसे काम करता गया , रास्ता स्वयं बना और चुनौतियां खुद-ब-खुद हटती गयी ।  विद्यार्थी परिषद् में आपको कार्य करने का पूरा मौका और महत्व मिलता है ।

प्र.-आप अपना आदर्श किसे मानते है ?
उ. – स्वामी विवेकानंद और डा. हेडगेवार जी ही मेरे आदर्श है । स्वामी विवेकानन्द जी की पुस्तके पढ़ उनके व्यक्तित्व और चरित्र से अभिप्रेरित होता हूँ ।

प्र. – छात्र हितो के लिए आप लम्बे समय से संघर्ष कर रहे है , आप अपना लक्ष्य क्या मानते है ??
उ. – राष्ट्र और व्यक्तित्व का पुर्ननिर्माण करना विद्यार्थी परिषद् का प्राथमिक उद्देश्य है । संगठन का उद्देश्य ही मेरा लक्ष्य है । ऐसे युवाओ की श्रृंखला निर्मित करनी है , जो देशहित के लिए जाग्रत हो ।

प्र. – छात्र राजनीती को आप किस नजरिये से देखते है । इसमें सुधार के लिए आपके क्या प्रयास है ??
उ. – “छात्र राजनीती” शब्द ही गलत है । इसकी जगह “छात्र सक्रियता” शब्द का उपयोग होना चाहिए । देश की समस्याओं से लड़ने के लिए छात्र सक्रिय हो , यही हमारा प्रयास है । हम राजनीती नही करते है ।

प्र. – राजस्थान विश्वविद्यालय के चुनाव परिणामो पर लगी रोक के पीछे आप क्या कारण मानते है ?
उ. – छात्रसंघ चुनावों में विश्वविद्यालय प्रशासन लिंगदोह समिति की सिफ़ारिशो का अनुसरण नही करवा पाया । विश्वविद्यालय यदि लिंगदोह समिति के नियमो के अनुरूप चुनाव करवाए तो ना ही न्यायालय द्वारा चुनावों के  परिणाम पर रोक लगाई जाएगी और छात्र संघ चुनावों का आयोजन बेहतर रूप से हो सकेगा ।

प्र. – विद्यार्थी परिषद् को भाजपा की छात्र इकाई माना जाता है , इसमें आपका क्या मानना है ??
उ. – विद्यार्थी परिषद् की स्थापना भाजपा से 31 वर्ष पहले सन 1949 में ही हो गयी थी जबकि भाजपा का गठन 1980 में हुआ था ।  विद्यार्थी परिषद् स्वयं के एजेंडे खुद तय करती है , चुनाव खुद लडती है , नीतियाँ और कार्यकारिणी का निर्माण स्वयं के स्तर पर करती है । यह किसी भी प्रकार से भाजपा की छात्र ईकाई के रूप में कार्यरत नही है ।

प्र. – जन्मभूमि होने के कारण आपका अजमेर जिले से विशेष लगाव रहा है , अजमेर जिले और गाँव के लिए भविष्य के कोई सपना या विजन ?
उ. – विद्यार्थी परिषद् में सदैव देश को सर्वोपरि रखने का मार्गदर्शन दिया गया । गाँव से भी प्रेम है , जिले से भी प्रेम है , परन्तु देश प्रेम सबसे बड़ा प्रेम है ।

प्र . – क्या भविष्य में चुनाव लड़ने का इरादा है ?
उ. –  संगठन और छात्र हितो के लिए कार्य कर , इस पावन यज्ञ में अधिक से अधिक लोगो को आहूति दिलवा देश के लिए कुछ कर सकूं,  यही मेरा इरादा है ।

प्र . – युवाओं और छात्रों को क्या सन्देश देना चाहते है ?
उ. – “उठो , जागो और लक्ष्य को प्राप्त करो ।” स्वामी विवेकानंद जी के बताये इस सदमार्ग पर चल, पूर्ण रूप से सक्षम बनकर अपने कार्य को पूर्ण करें । पढाई के साथ साथ , देशहित में कार्य कर रहे छात्र संगठनो का हिस्सा बन देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करे एवम स्वयं की अभिव्यक्ति की शैली और क्षमता का भी विकास करे ।

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