..तो इसलिए दौड रहे हैं युवा मुँह पर कपडा बाँध कर !

shamendraअजमेर ही नहीं वरन लगभग सभी जगह आपने युवाओं को मुँह पर कपडा लपेटे दुपहिया वाहन दौडाते देखा होगा । और तो और इसी क्रम में उनके पीछे बैठी सवारी भी अपना मुंह छुपाये नजर आ– जाएँगी ।कई लोग इसे चलन अथवा फैशन मान बैठे हैं ।बहरहाल यह हो तो गया ही है । अब यदि गहराई में उतरें तो बात केवल फैशन की नहीं रही । आजकल के युवा (जिनमे कई लड़कियां भी शामिल हो चुकी हैं )टीवी कल्चर की दोस्ती से बुरी तरह प्रभावित हैं ।कई ऐसेे लोग अपनी प्रेम कहानियाँ गढ़ रहे है।और आगे बढ़ रहे हैं।यूँ प्यार का रोग पालना आजकल कोई बुरी बात नहीं लगता ।यह आदिकाल से जो चला आ रहा ह।मगर ै ,जनाब कानून के नजरिए से बालिगों का यूँ साथसाथ रहना या घूमना कोई अपराध नहीं है ।परंतु परिवारजनो को हो रही परेशानी से इन्हें क्या ?आज स्तिथि यह है कि, वे अपने इन मुह छुपाये मोडर्न बच्चों को अपने सामने से निकलजाने पर भी नहीं पहचान सकत,े समझते है वो तो कॉलेज या बाजार गए हैं ।वे बेचारे तो यह सोच भी नहींसकते कि,उनके होनहार और घर परिवार का नाम रोशन कर उनके सपनों को अमलीजामा पहनाने वाली नई पीढ़ी कब कहाँ और कैसी है ? दूसरी और असामाजिक तत्वों को अपने धंधे में इजाफा करने का जोरदार मौका आसानी से मिल गया है । इसीसे सड़कों पर महिलाओं की चेन झपटना ,मोबाई ल या बैग पर्स छीनना । और अपहरण जैसे धंधे फलने- फूलने लगें हैं। वैसे ‘अजमेर’ के लिए एक आस जागी है , नए आए एस पी विकास कुमार ने इनदिनौ शहर मे बढते अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए मुंहपर कपडा बांधकर बाइक दौडाते ऐसे दुपहिया वाहनों वाले लोगों पर पुलिसिया नजर कडी कर दी है । अब देखना यह है कि,ट्रैफिक पुलिस के अलावा थाने चौकियों को भी इनपर नजरें गड़ाने का फरमान जारी होता है क्या ? वैसे भी अब हैलमेट पहनने की क़ानूनी गाज दुपहिया के दोनों सवारों पर गिरने वाली है ।
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-शमेन्द्र जड़वाल

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