क्या अब कम बोलेंगे केजरीवाल

ओम माथुर
ओम माथुर
बैंगलुरू के डॉक्टरों का शुक्रिया। उन्होने उस राष्ट्रीय समस्या का समाधान ढूंढ लिया,जिससे पूरा देश परेशान था। उन्होंने ये पता लगा लिया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इतना ज्यादा और फालतू क्यों बोलते थे। जब किसी की जीभ ही लंबी होगी,तो जाहिर है की वह ज्यादा ही बोलेगा। वो कहते भी है ना की जुबान पर लगाम दो। अब जब केजरीवाल की जबान बचपन से ही लंबी थी,तो वो उस पर लगाम भी कैसे रखते। इसलिए कभी भी कहीं भी कुछ भी किसी के लिए भी बोलते रहते थे। खुद उन्हें भी कल आपरेशन से पहले कहाँ मालूम था कि वह इतना क्यों बोलते थे। अब ये उनकी किस्मत थी जो उन्हें राजनीति मे ले आई ,जहां हमारे देश में किसी के लिए कुछ भी बोलने की आजादी है। अब पता लगा है तो हो सकता है केजरीवाल जुबान पर लगाम लगा थोड़ा कम बोलने लगे। लेकिन फिलहाल तो चिंता इस बात की है कि ऑपरेशन के बाद कुछ दिन भी केजरीवाल चुप कैसे रहेंगे। और जब वो खामोश रहेंगे तो बेचारे मीडिया वाले क्या करेंगे,उनके सामने तो खबरों का अकाल पड़ जायेगा। और भाजपाई भी क्या करेंगे, जो सुबह से रात तक टीवी चैनलों पर उन्हें कोसने में लगे रहते हैं। वैसे अब वक्त आ गया है कि सभी दलों के उन नेताओ की ज़ुबान की जांच भी करा ली जानी चाहिये,जो ज्यादा और बेहूदा बोलते हैं। कम से कम राजनीति की भाषा तो मर्यादित हो जायेगी। पहले दौर में आजम खान, ओवैसी,राज ठाकरे, साक्षी महाराज, विनय कटिहार,संगीत सोम जैसे नेता इसमें शामिल किए जा सकते हैं।

ओम माथुर, 9351415379

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