डॉक्टरों की विदेश यात्राओं को मुंबई हाईकोर्ट ने नैतिकता के विपरीत करार दिया

डॉ. अशोक मित्तल
डॉ. अशोक मित्तल
अपनी पत्नियों सहित दवा कंपनियों के खर्चे पर मौज मस्ती करने विदेश यात्राएं करना अब फार्मा कंपनियों को तो महँगा पडेगा ही, डॉक्टर्स को भी अब एमसीआई अपने शिकंजे में जकड सकती है.
मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया के कोड ऑफ़ कंडक्ट में ऐसी यात्राएं दंडनीय अपराध है. किसी भी फार्म कंपनी से किसी भी रूप में रिश्वत, यात्रा का लालच या भारी भरकम उपहार लेना और बदले में उस कंपनी की दवाओं को लिखना इन्हें मुसीबत में डाल सकता है.
लिवा फार्मा नाम की कंपनी द्वारा चिकित्सकों को विदेशों में फर्जी कांफ्रेंस के नाम पर मौज मस्ती करवाने के एक मामले में हाल ही मुंबई हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कडा फैसला पारित किया है. इसके द्वारा कराई गयी विदेश यात्रा के खर्च पर कोई छूट न देते हुए 77 लाख रुपैये का कर भरने का आदेश सुनाया गया है. इस आदेश के परिणाम स्वरुप आने वाले फ़ाइनन्सिअल वर्ष में करोड़ों का कर सरकार इन फर्जी विदेश यात्राओं के खातों से वसूल करेगी.
साथ ही मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया के चक्कर में यदि ये डॉक्टर फंस गए तो तो भगवान् ही जाने इन का क्या होगा!
डॉ. अशोक मित्तल, मेडिकल जर्नलिस्ट

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