लोग कर देंगे फैसला, बस थोड़ा इंतजार करना होगा

ओम माथुर
ओम माथुर
चलिए मान लेते हैँ मोदी ने कर्रेंसी बदलने से पहले अपने उद्योगपति दोस्तों को बता दिया था। चलो ये भी मान लेते हैँ की इस घोषणा से पहले बीजेपी अध्य्क्ष अमित शाह को भी बता दिया था और उन्होंने भी पार्टी फण्ड सहित जी भरकर नोट बदला लिए। लेकिन बड़ा सवाल ये है की क्या मोदी ने नोटबंदी करके अपनी पार्टी और खुद के राजनीतिक जीवन को दाव पर नहीँ लगा दिया। जल्दी ही देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश,पंजाब तथा गोवा मे विधानसभा चुनाव होने हैं। जाहिर है अगर यह फैसला जनविरोधी है, तो बीजेपी को इन राज्यों मे हार का मुंह देखना पडेगा? क्या बीजेपी पैसे से सारे वोटर खरीद कर इन राज्यों मे चुनाव जीत लेगी? क्या सारे वोटर बिकाऊ हैं? अगर नही,तो फिर इतना हंगामा क्यों? काला धन रखने वाले बीजेपी नेता कौनसे इस फैसले से खुश् होंगे। मोदी ने हर बीजेपी नेता को तो नोटबंदी क़े बारे मे पहले बताया नही होगा। विपक्षी दलों को कहीं ये तकलीफ तो नही है की अचानक नोटबंदी से उनका पैसा काला ही रह गया। सालों मे इकठ्ठा किया था मोदी ने मिनटों मे पानी फेर दिया। कांग्रेस सहित सभी दल नोटबंदी का विरोध खुलकर कहा कर रहे हैं। यही कह रहे हैं कि फैसला अच्छा है, लेकिन जल्दबाजी मे और बिना तैयारी लागू किया गया है। इसलिए लोग परेशान हो रहे हैं। तो ठीक है, चुनाव मे लोग सबक सिखा देंगे। सरकार के फैसलों और कामकाज का आकलन हमारे देश में वोटों से ही होता है। सबसे ज्यादा हैरान तो अरविन्द केजरीवाल कर रहे हैं। अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से सीएम तक पहुंचे केजरीवाल नोटबंदी का फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं। क्या पंजाब और गोवा चुनाव का बजट बिगड़ जाने की बेचैनी है? तीन राज्यों के चुनाव नतीजे ये जरूर तय करेंगे कि देश ईमानदारी चाहता है या भ्रष्टाचार। यहां कालेधन वालों का राज चलेगा या मेहनत से पैसे कमाने वालों को इज्जत मिलेगी।

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