जय नारी की बोल

डा. एम. एस. फोगाट
डा. एम. एस. फोगाट
नारी में गुण इतने हैं नर, कर सकता ना होड़
इसके पास मिलेगा तुमको हर संकट का तोड़

इसके ह्रदय में भलाई, इसकी वाणी में मिठाई
इसमें सागर की गहराई, इसमें पानी की सरसाई
इसके साहस का ना तोल, इसकी बुद्धि का ना मोल
इसमें लहरों जैसी झोल, ये हैं चंदा जैसी गोल
जय नारी की बोल भैया, जय नारी की बोल

बचपन से इसने पाया हैं , त्याग का वरदान
अपना ध्यान त्याग करती हैं, पहले सब का ध्यान
गृह कार्य पारंगत इतनी, ज्यों कंप्यूटर जान
है पूरी वैज्ञानिक बेशक, पढ़ा नहीं विज्ञानं
घर का सारा काम समय पर, करती ये बिन बोल
जय नारी की बोल भैया, जय नारी की बोल

घर को स्वर्ग बनाने में है, इसका पूरा हाथ
बुरे वक्त में देती है ये, तुमको बेहद साथ
इसको खूब पता है अपना, घर कैसे चलता है
घर का हर सामान ये जाने, कितने में मिलता है
सहयोगी करती खर्चे से, पहले भाव और मोल
जय नारी की बोल भैया, जय नारी की बोल

डॉ मोहिंदर सिंह फोगाट

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