शीर्ष नेताओं के खिलाफ बहुत ही ओछी टिप्पणियां

प्रेम आनंदकर
प्रेम आनंदकर
पिछले कुछ दिनों से देश के शीर्ष नेताओं के खिलाफ भद्दे से भद्दे तरीके से बहुत ही ओछी टिप्पणियां की जा रही हैं। यह देख कर मन विचलित होता है। अभी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तो पहले मनमोहन सिंह रह चुके हैं। यह किसी भी दल के हों, लेकिन एक बात तो साफ है कि सिंह देश की बागडोर सम्भाल चुके हैं, तो मोदी अब सम्भाले हुए हैं। इनसे ही देश की पहचान रही है, वर्तमान में है और आने वाले समय में जो प्रधानमंत्री बनेंगे, उनसे पहचान रहेगी। मोदी हमारे देश के लाडले हैं, सिंह भी रहे हैं और भविष्य में बनने वाले प्रधानमंत्री रहेंगे। शीर्ष नेतृत्व के बारे में इस तरह की टिप्पणियों से हम देश का भला नहीं, बल्कि नुकसान ही करते हैं। आपकी इस तरह की पोस्ट केवल देश ही नहीं, विदेशों में भी पढ़ी और देखी जाती है। सबसे अहम सवाल यह है कि इस तरह की ओच्छी टिप्पणी भाजपा और कांग्रेस के वह लोग करते हैं या कर रहे हैं, जिनका वजूद गली-मोहल्ले या शहर तक सीमित है या रहा है। मैंने जिले, प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर के किसी नेता को ऐसी टिप्पणी करते न देखा, न सुना। हालांकि बहुत ही तुच्छ व्यक्ति होने के नाते मैं किसी को सलाह तो नहीं दे सकता, लेकिन इतना जरूर होना चाहिए कि हम टीका-टिप्पणी में शालीनता बरतें और कोई टिप्पणी करने से पहले खुद का कद देख लें। वैसे इस देश में सभी को टिप्पणी करने की खुली आजादी है, किंतु शालीनता और मर्यादा भी कुछ होती है और होनी चाहिए।

-प्रेम आनन्दकर, अजमेर, राजस्थान।

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