प्रिय वन्धु हम यह नहीं समझ पाते की न्याय में विलम्ब क्यों होता है क्योंकि न्याय में जितना भी विलम्ब होता है उसका फायदा अपराधी को ही अधिक मिलता है , इस लिए केवल और केवल नाबालिग से बलातक़ार के केस में अपराधी को तुरांत सजा मिलनी चहिये उसके लिए प्राथमिकता के आधार पर किसी न्यायिक अधिकारी की निगरानी में विशेष सक्षम पुलिस जे द्वारा इंवेस्टीगेशन होना चाहिए और तीन महीने के अंदर अपराधी को फांसी पर लटका देना ही उचित कदम होगा बच्चियों के साथ हो रहे अपराध को रोकने का एकमात्र उपाय , क्योंकि जब निर्भया कांड हुआ तो उसमे एक नाबालिग अपराधी था लेकिन वह किसी भी नौजवान की शारीरिक ताकत से भी अधिक दरिंदगी के साथ पेश आया था निर्भया के साथ और हमारे देश के सड़े गले पुरातन कानून की कमजोरी के कारण आज तीन वर्ष की सुधार गृह की प्रिक्रया के अंतर्गत सजा के नाम पर मौज करने के बाद आज स्वछन्द जीवन जी रहा है , अगर इतने बड़े हाई प्रोफाइल केस में भी अपराधी बच जाए तो यह समाज और कानून के मुंह पर तमाचे के अतिरिक्त कुछ और नहीं है इसलिए बलात्कार के केस में विशेष अदालतों में मुक़दमे चलाये जाने चाहिए वह भी केंद्रीय स्तर पर जहां इतने प्रयोग होते हैं एक प्रयोग और सही!
S.P.Singh Meerut