वास्तु सन्तुलन में आपका योगदान महत्वपूर्ण है

वास्तु शास्त्र में प्रकृति में पाए जाने वाले पंच तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान है।ऊर्जा चक्र इन पंच तत्वों का ही समावेश है,इन तत्वों के संतुलन में मनुष्य का योगदान विशेष महत्व रखता है। वर्तमान परिवेश में गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया जा रहा है,जो कि सर्वाधिक उचित है।आज बढ़ते पर्यावरण असन्तुलन में प्राथमिक आवश्यकता है,ऊर्जा संरक्षण की। इन दिनों मेरे द्वारा विभिन्न उद्योगों में, मकानों में व संस्थानों में भ्रमण किया गया और पाया गया कि वहां लोगों में सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता उत्पन्न हुई है साथ ही साथ उद्योग और बड़े-बड़े प्लॉटों पर व घरों में मैंने पाया कि वहां पर वे लोग वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी डवलप कर रहे हैं,अपने इर्द गिर्द पेड़ लगा रहे है। चाहे सरकार का दबाव हो या मन की इच्छा?परंतु यह प्रकृति के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध और साकार साबित होगा। यदि इंसान आज के परिवेश में अपने इर्द-गिर्द ऊर्जा संरक्षण को महत्व प्रदान करें,प्रदूषण न करे एवं पंच तत्वो को संतुलित रखें ,तो मैं मानता हूं कि किसी वास्तु शास्त्री को बुलाकर अपने प्रतिष्ठान ,घर व उद्योग में परिवर्तन करवाने की कोई विशेष आवश्यकता प्रतीत नहीं होगी! क्योंकि हमारा भविष्य हमारे हाथ में है, यदि हम हमारे पंच तत्वों का संतुलन रखते हैं तो जीवन शैली में भी संतुलन बना रहेगा।

-शैलेंद्र माथुर
वास्तुविज्ञ
अजमेर।

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