क्या क्रोध आदमी के लिये यमराज है ? Part 3

dr. j k garg
ऐसे लोग जो जरा जरा सी बात पर गुस्सा हो जाते हैं, उनमें सहनशीलता की कमी होती है , ऐसे लोग अपने जीवन में परिस्थितियों को सहजता से नहीं ले पाते हैं । ऐसे लोग विपरीत परिस्थितियों में असह्जता या स्वयं के साथ अन्याय हुआ महसूस करते हैं और एकदम क्रोधित हो जाते हैं |

सवाल उत्पन्न होता कि लोग ऐसा व्यवाहर क्यों करते है? इसके कई कारण हो सकते हैं । उनमें से एक कारण आनुवांशिक या शरीर संरचना की वजह से भी हो सकता है । इसका सबूत वे बच्चे हैं जो पैदायशी रूप से चिढचिढे होते हैं । क्रोधी व्यवाहर की दूसरी वजह सामाजिक हो सकती है। शोध में यह भी पता चला है कि पारिवारिक पृष्ठभूमि भी गुस्से में भूमिका अदा करती है।

अकसर वे लोग जो कि आसानी से क्रोधित होते हैं वे ऐसे परिवार के लोग होते हैं जिनके परिवार के लोग अवरुध्द मानसिकता वाले, अक्सर परिस्थितियों को उलझाने वाले, और भावनात्मक सम्वाद में अनाडी या असक्षम हों ।

क्रोध को साधारणतया अक्सर नकारात्मक माना जाता है, हमें सिखाया जाता है कि अपनी हताशा, व्यग्रता और अन्य भाव प्रकट करना तो सही है किन्तु गुस्सा जताना ठीक नहीं । परिणाम स्वरूप हम सीख ही नहीं पाते कि कैसे सही तरीके से गुस्से को लिया जाए और इस गुस्से को कैसे सही रचनात्मक दिशा दी जाए।

प्रस्तुतिकरण डा. जे. के. गर्ग

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