क्या क्रोध आदमी के लिये यमराज है ? Part 6

dr. j k garg
अपने क्रोध को जताने का सबसे स्वस्थ तरीका है– आक्रामक हुए बिना अपने क्रोध के भाव को दृढता पूर्वक अभिव्यक्त कर देना | आप अपनी आवश्यकताएं और अपनी पसंद या नापसंद को बिना किसी को आहत किये बतला दें या व्यक्त कर दें |
दृढ होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप किसी पर बेजा दबाव डालें या अपनी मांगें अन्य पर जबरदस्ती थोपें, इसका अर्थ है कि आप अपना और दूसरों का सम्मान करना सीखें।
क्रोध को व्यक्त करने का सबसे उत्तम और दोषमुक्त तरीका है अपने अंतर्मन को शांत रखना , इससे आप अपने सांसारिक व्यवहार के साथ ही अपने आंतरिक व्यवाहर को नियंत्रित रख पायगें औरआप शांत चित्त रहेगें एवं आपकी क्रोध की भावना धीमे धीमे लुप्त हो जायगी , आपके शांत चित्तरहने से आपके ह्रदय की गति भी सामन्य रहेगी एवं आप स्वस्थ और खुश भी रहगें |

प्रस्तुतिकरण डा. जे. के. गर्ग
सन्दर्भ मेरी डायरी के पन्ने, विभिन्न संतों एवं महापुरूषों के प्रव्रचन आदि

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