खुशहाल जिन्दगी का रहस्य हंसना मुस्कराना हंसे और हंसाये part 1

dr. j k garg
निर्विवाद रूप से शरीर की विभिन्न बोलियों में मुस्कराहट-मुस्कराना सबसे शक्तिशाली बोली है | सच्चाई तो यही है कि मुस्कराहट दो व्यक्तियों के मध्य की दूरी को न्यूनतम बना देती है, वहीं प्यार भरी मुस्कराहट सारे घर को सूर्य की रोशनी जगमगा देती है | याद रक्खें कि जहाँ साबुन तन को स्वच्छ बनाता है वहीं मुस्कराहट आत्मा को स्वयं के अंक अंक को प्रकाशित करती है | लाफ्टर एक सूर्य है जो आदमी के चेहरे पर से सर्दी की क्मक्म्पी और घबराहट को मिटा डालता है | वास्तव में मुस्कराहट आत्मा की तरफ से किया गया चुम्बन है | हमने ऐसे किसी आदमी को नहीं देखा जो लाफ्टर- की वजह से मरा हो, किन्तु हम बहुत से आदमीयों को जानते हैं जो इसलिए मर रहें हैं क्यों कि वो कभी हंसे-मुस्करायें ही नहीं | गुरुवर रवीन्द्रनाथ टेगोर कहते थे कि जब मैं स्वयं पर हँसता हूँ तो मेरे मन का बोझ हल्का हो जाता है | किसी ने सही कहा है “ न कल की फिकर क, न परसों काल की फ़िकर करो बस, सदा हंसता हुआ चेहरा बनाया रक्खो” |

डा.जे.के. गर्ग
सन्दर्भ—–डॉ टी एस दराल, चंचल मल चोर्डिया, मेरी डायरी के पन्ने, विभिन पत्र पत्रिकाएँ

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