आसान नहीं होगा हेमेंद्र सिंह बनेड़ा को भूलना

सुशील चौहान
भीलवाड़ा। महज़ 25 साल की उम्र में “संसद की चौखट” पर पहुँचना ओर इतिहास बना देना। सरल स्वभाव से दिल जीत जीतने का हुनर । हँसते रहकर हर बात कहना। इन्ही सब खूबियों को लेकर 25 साल की उम्र में सांसद बनकर देश विदेश में चर्चा में आए और “सुर्खिया” बने हमारे अपने “हेमेंद्र सिंह बनेड़ा” अब हमारे बीच नहीं रहे। कोरोना ने हमारे एक ओर “चहेते” को असमय हमसे छीन लिया। हेमेंद्रसिंह बनेड़ा वो “शख्सियत” रहे जिन्होंने अपनी सरलता , सह्रदयता , दयालु स्वभाव से हमेशा ही लोगों के दिलों में जगह बनाई। “राज दरबार” से जुड़े होने का “धर्म” निभाते हुए हमेशा ही जरूरत मंदों के साथ ख़ड़े रहे। “25” की उम्र में देश भर में छाया रहा व्यक्तित्व “75” की उम्र में “अलविदा” हो गया। हालांकि कोई नहीं चाहेगा कि ऐसे बिरले लोग हमसे बिछड़े। लेकिन “कुदरत” का नियम सभी के लिए समान है। पत्रकारिता जीवन में मेरी भी कई बार हेमेंद्र सिंह “साब” से बातचीत होती थी। हर विषय पर सहज और सरल प्रतिक्रिया देकर अपने स्वभाव का परिचय देते थे। मेरी अंतिम मुलाकात हाल ही में “कोटड़ी में पत्रकार सम्मेलन” में हुई जहाँ मंच पर उनके स्वागत का अवसर मुझे मिला और जब माल्यार्पण किया तो बड़े ही सहज होकर बोले कि “अपने ही अपनों” के लिए “मेहमान” है क्या ? अब तो यादे शेष है लेकिन यह के कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं कि हेमेंद्र सिंह बनेड़ा जैसा व्यक्तित्व बरसों बरस में जन्म लेता है। उनका जाना केवल उनके परिवार के लिए नहीं पूरे मानव समाज के लिए “अपूरणीय क्षति” है।
सुशील चौहान
98293-03218
स्वतंत्र पत्रकार
पूर्व उप – सम्पादक, राजस्थान पत्रिका
वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रेस क्लब, भीलवाड़ा
sushilchouhan953@ gmail.com

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