ऐसा हो आपका शयन कक्ष

bed roomनरेश सिंगल- बेडरूम यानी षयनकक्ष घर का सर्वाधिक निजी व अहम हिस्सा होता है। यही वह भाग होता है, जहां आप दिनभर की थकान मिटाने और ताजगी पाने के लिए विश्राम करते हैं। कितने लोग ऐसे हैं, जो आलीषान और अति आधुनिक षयनकक्ष में भी सुकुन व सुख की नींद से वंचित रहते हैं। सुबह उठने पर ताजगी महसूस नहीं करते और दिनभर आलस्य छाया रहता है। उसका कारण वास्तुदोष भी हो सकता है।
अगर आप चाहतें हैं कि आपकी रातें सुकुनभरी और दिन ताजगीपूर्ण हों तो अपने षयनकक्ष को वास्तु अनुरूप अवष्य बनाएं। वास्तु मंे घर के मुखिया, वैवाहिक दंपती और बच्चों के लिए षयनकक्ष की दिषाएं व नियमों को विस्तृत उल्लेख किया गया है। आइए, जानते हैं अपने षयनकक्ष को वास्तु सम्मत बनाने के उपाय।
1. घर के मुखिया का षयनकक्ष दखिण-पष्चिम मे होना चाहिए।
2. व्यस्कों के लिए षयनकक्ष दक्षिण व पष्चिम में बनाया जा सकता है।
3. किषारों के लिए षयनकक्ष दक्षिण-पूर्व में बनाएं।
4. सेाते समय हमारे पैर ठीक दरवाजे के सामने न हों।
5. सोते समय षरीर का कोई भी हिस्सा दर्पण में न दिखाई दे, अन्यथा बुरे सपने व बदन दर्द होने की संभावना बढ़ जाएगी।
6. यदि कन्या की षादी में विलम्ब हो रहा हो तो उसका षयन कक्ष उत्तर-पष्चिम में होना चाहिए।
7. बीम या गार्डर के नीचे न सोएं। इससे वंषवृद्धि में बाधा उत्पन्न होती है।
8. षयन कक्ष में बैड इस प्रकार लगाएं कि सिरहाना दक्षिण की तरफ रहें। यदि किसी कारणवष बैड को अलग दिषा में रखा है तो पूर्व-पष्चिम की तरफ सिर करके सोया जा सकता है। भूलकर भी उत्तर की तरफ सिर करके न सोएं।
9. दंपती के षयनकक्ष में प्रेम संबंध प्रगाढ़ करने के लिए प्रेम भाव दर्षाती पेंटिग्स या मूर्ति रख सकते हैं।
10. बैड पर लाल रंग की चादर न बिछाएं, ऑरेंज, गुलाबी, हल्के बादामी रंग की चादर बिछाएं। ये रंग आंखों को ठंडक देते हैं। परदे इत्यादि भी हल्के रंग के लगाएं।
11. बैडरूम में पानी से संबंधित डेकोरेषन पीस, फिष-एक्वेरियम या फव्ववारे इत्यादि न लगाएं।
12. पीने का पानी टेलीफोन या टेलीविजन के पास न रखें। उसमें प्रवाहित होने वाली विद्युत तरंगों से पानी दूषित हो जाता है।
13. षयनकक्ष में मंदिर न बनवाएं।
14. आलमारी दक्षिण या पष्चिम में रखें।
15. टेलीविजन तथा एयरकंडीषनर की व्यवस्था दक्षिण-पूर्व में करें।
16. डेªसिंग टेबल पूर्व में रखें।
वास्तु का प्रभाव सम्पूर्ण जीवन पर पड़ता है। अमीर-गरीब, राजा-रंक, निर्बल व बलवान सभी पर प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं पड़ता, परन्तु निष्चय ही यह जीवन-षैली को बदलने में सार्थक होता है।
जितना बड़ों के लिए आवष्कय है, बच्चों के लिए भी सही दिषा में षयन करना उतना ही जरूरी है। सही दिषा में षयन करने से नकारात्मक अनुभव मन-मस्तिष्क से धुल जाते हैं और जीवन को नयी प्रेरणा षक्ति प्राप्त होती है।
जानते हैं कि बच्चों का बेडरूम कैसा हो-
ऽ छोटे बच्चों का बेडरूम पष्चिम दिषा में बनाना चाहिए। वहीं लड़की का षयन कक्ष उत्तर-पष्चिम मंे बनाएं। जबकि लड़के के लिए उत्तर एवं पूर्व दिषा में बेडरूम बनाएं।
ऽ बच्चों के बेडरूम का दरवाजा उत्तर या पूर्व दिषा में हो और जहां तक हो सके दरवाजा एक ही लगाएं।
ऽ कमरे में खिड़कियां दरवाजे की विपरीत दिषा में हो। खिड़की अगर पष्चिमी दीवार पर हो, तो वह उत्तर व पूर्व की दीवार में बनी खिड़की/खिड़कियों की तुलना में छोटी होनी चाहिए।
ऽ फर्नीचर दीवार से सटाकर नहीं, बल्कि कुछ इंच दूर रखें।
ऽ बेड दक्षिण दिषा में रखना चाहिए। बेड के चारों ओर थोड़ा-सा खुला स्थान छोड़ें। अगर यह संभव न हो तो बेड को दक्षिण-पष्चिमी कोने में अथवा दक्षिणी या पष्चिमी कोने में रख सकते हैं।
ऽ सोते समय बच्चों को अपना सिर पूर्व की ओर रखना चाहिए। इससे उनकी स्मरण-षक्ति बढ़ती है।
ऽ आलमारी या कैबिनेट को कमरे में दक्षिणी/पष्चिमी भाग में रखें।
ऽ कम्प्युटर एवं टेलिविजन बच्चों के कमरे में नहीं रखने चाहिएं। अगर रखें तो टेलीविजन दक्षिण-पूर्व में जबकि कम्प्युटर पूर्वी दिषा में लगाएं।
ऽ बच्चों के षयन कक्ष में एलसीडी मोनीटर नहीं लगाना चाहिए। एलसीडी मोनिटर बिस्तर के लिए षीषे का कार्य करता है और नकारात्मक ऊर्जा का संवाहक बनता है।
ऽ कमरे में अगर स्टडी-टेबल रखनी हो तो उसे दक्षिण दिषा में रखें, जिससे अध्ययन के दौरान बच्चे का मुख उत्तर, पूर्व अथवा उत्तर-पूर्व में रहे।
ऽ बच्चों के कक्ष में प्रकाष के लिए लाइट दक्षिण-पूर्व में लगाएं। ध्यान रखें कि बच्चों के कमरे में स्पोट लाइट या तीव्र प्रकाष की व्यवस्था न हो। यह मानसिक तनाव का कारण बनती है।
ऽ रंग हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। बच्चों के कमरे में हरा रंग सबसे बेहतर होता है। यह रंग ताजगी और षांति प्रदान करता है।

naresh1Mr. Naresh Singal is a renowned Vaastu/ FengShui / Pyramidology consultant. He is also the founder of Institute – Vedic Vaastu Vision. Honors like “Vaastu Shree”, “Vaastu Visharad” and a Gold Medalist are not just enough to explain him. He is the only celebrity Vaastu consultant who has a strong clientele in India and abroad as well. Mr. Singal has organized workshops on Vaastu, Feng-Shui & Pyramidology in Haryana, U.P., Rajasthan, Delhi etc. and foreign countries like Ajman, Sharjah, Malaysia, Italy, Australia, Hong-Kong etc. His articles, newsletters and write-ups have been published in leading newspapers and magazines for e.g Hindustan Times, Amar Ujala, Vaish  Panorama, PrabhatKhabar etc.. He has also done shows in popular channels i.e. Zee Jagran, Zee Business, Shraddha, News street, Jain TV etc. and his weekly program is aired at 89.3 FM in UAE. He has also organized number of free workshops on Vaastu, Feng-Shui & Pyramidology for various clubs including Rotary Club / Lions Club / Bharat Vikas Parishad etc.. He is a columnist in Hindustan Times since 1999 (Hindi & English). His articles on various subjects based on Vaastu and Feng Shui are being published in magazines like Estate World / Property Panorama / Estate Avenues / Property & Wealth etc.

Noted politicians, Corporates and General public are some of his clients ever since he began practicing ancient Chinese system of aesthetics, Feng Shui, Indian geomancy science, Vaastushastra and Pyramidology. Some of his clients are Usha Martin (Mr. Jhawar), Dilbag Gutka, Delhi-Assam Roadways (Gorakhpuria), Matterlite India Pvt. Ltd., P.K. Transformers, Subhash Dalmi, Triveni Group (Real Estates), SAIL, Baroda Airport, Golcha Group and many more. Politicians and celebrities are also his clients.

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