द्वीप विवाद पर चीन के कड़े तेवर देख नरम पड़ा जापान


पूर्वी चीन सागर स्थित विवादित द्वीप पर झडा फहराने के बाद चीन के साथ टकराव बढ़ता देख जापान ने रक्षात्मक मुद्रा अपना ली है। खबर है कि जापान बीजिंग में तैनात अपने राजदूत यूशिरो निवा को हटाने जा रहा है। यूशिरो ने जून में सख्ता टिप्पणी की थी, जिसके बाद से विवादित द्वीपों पर जापान-चीन के बीच टकराव बढ़ता ही गया।

उन्होंने कहा था कि जापान पूर्वी चीन सागर में द्वीप खरीदने की तैयारी कर रहा है। बहरहाल, सोमवार को जापान के प्रमुख कैबिनेट सचिव ओसामु फुजिमुरा ने चीन में मौजूद अपने नागरिकों को सुरक्षा देने की माग के साथ ही साफ कर दिया कि द्वीप विवाद से दोनों देशों के समग्र द्विपक्षीय रिश्तों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि दोनों देश नहीं चाहते हैं कि सेनकाकू द्वीप विवाद से समग्र द्विपक्षीय रिश्ते प्रभावित हों। इस द्वीप पर चीन भी अपना अधिकार जताता है और इसे दियाओउ के नाम से पुकारता है।

रविवार को जापान ने सेनकाकू द्वीप पर झडा फहराया था। इसके बाद चीन में जापान के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए। हजारों लोग सड़कों पर उतरे और चीन में मौजूद जापानियों की कारों और घरों पर हमले किए। इससे चीन में मौजूद जापानी डरे हुए हैं।

जापान से एक सप्ताह पहले चीन ने भी विवादित द्वीप पर झडा फहराया था। इसके बाद पलटवार करते हुए जापान के कार्यकर्ताओं ने विवादित क्षेत्र से 14 चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया और फिर द्वीप पर झडा फहराया।

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