अन्ना से ‘बेहतर’ हूँ: पाक वैज्ञानिक एक्यू खान

पाकिस्तान से ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि वहां के परमाणु कार्यक्रम के जनक कहे जाने वाले विवादस्पद वैज्ञानिक अब्दुल क़दीर ख़ान एक राजनीतिक पार्टी बना रहे हैं.

आप राजनीतिक पार्टी की शुरूआत कर रहे हैं, लेकिन आप इसे एक आंदोलन का नाम दे रहे हैं. आखिर क्यों?

ये पाकिस्तान को बचाने का आंदोलन है. हमारी कोशिश है कि लोगों को अपने वोटों की अहमियत का एहसास हो. हम पाकिस्तान के युवा वोटरों से कह रहे हैं कि वो घरों में नहीं बैठें. उन्हें बाहर आकर वोट डालना चाहिए. ऐसे पढ़े लिखे लोगों को आगे आना चाहिए जो तकनीक को समझते हैं. ये लोग कई सालों से देश में बैठे हुए हैं, उन्होंने मुल्क को तबाह कर दिया है. ना हमें कोई ओहदे की ख्वाइश है, ना कहीं हुकूमत करने की. हम सिर्फ लोगों में जागरुकता ला रहे हैं कि आप ईमानदार लोगों को वोट दें. इस देश को गर्त में जाने से बचाने के लिए मैने ये आंदोलन शुरू किया है.

क्या आपको भारत में अन्ना हजारे के आंदोलन से कोई प्रेरणा मिली है?

हमें उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत नहीं है. हम खुद उनसे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं. हमारी खुद एक सोच है.

आपको इस आंदोलन को शुरू करने की जरूरत क्यों पड़ी?

जब पाकिस्तान के ऊपर बुरा वक्त आया था तो हमने इसके लिए सुरक्षा मुहैया की. अब हम बैठे हुए हैं और मुल्क तबाह हो रहा है. ये लोग चोरी भी कर रहे हैं, सीनाजोरी भी कर रहे हैं, और इसे लूट भी रहे हैं. ना लोगों को बिजली मिल रही है, ना पानी. उन्हें नौकरियाँ भी नहीं मिल रही हैं. डॉलर की कीमत 96 रुपए पहुँच गई है. कोई सुरक्षा नहीं है. टार्गेट किलिंग हो रही है, जबरदस्ती वसूली हो रही है. अब हमारी इतनी उमर नहीं है कि हम सड़कों पर मारे-मारे फिरें और जुलूस निकालें. इमरान खान वगैरह लोग ये सब करते रहें जिनका ये काम है. हम लोगों से कह रहे हैं कि खुदा के वास्ते टीवी के सामने नहीं बैठें. वो बाहर जाएँ और अच्छे लोगों के लिए वोट करें.

तो क्या ये राजनीतिक दल नहीं है?

नहीं. अगर ये राजनीतिक दल होता तो हम इसे रजिस्टर करवाते, लोगों से कहते कि हमें वोट दीजिए और हम अपने नुमाइंदे चुन रहे हैं.

पाकिस्तान में कई लोगों का कहना है कि आप अलग-थलग पड़ गए हैं.

कोई बात नहीं, इसकी हमें कोई फिक्र नहीं है. आप कभी यहाँ आकर देखें कि जब हम बाजार में निकलते हैं, किसी समारोह में जाते हैं, तो वहाँ हमारी लोकप्रियता देख लीजिए. कोई दूसरा आकर बता दे कौन है हमारे मुकाबले में?

अगर हालात इतने खराब हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

सभी जिम्मेदार हैं. पाकिस्तान में मार्शल लॉ भी रहा है और राजनीतिक पार्टियाँ भी शासन में रही हैं. दोनो ने मिलकर देश को तबाह किया है. जब राजनीतिज्ञ हालात खराब करते हैं तो लोगों को लगता है कि सेना हालात ठीक कर देगी. वो भी आकर लूटमारी में शुरू हो जाते हैं और वो भी वही गलत काम करने लगते हैं.

आप लोगों से क्या कहेंगे?

मैं हर सोमवार को जंग और द न्यूज में एक कॉलम लिखता हूँ जो बहुत मशहूर है. पाकिस्तान में उससे ज्यादा मशहूर दूसरा कॉलम नहीं है. सभी मुझसे कहते हैं कि आप आगे आइए.

आपने जिंदगी में क्या देखा है जिससे लोगों को सीख लेनी चाहिए?

मेरे पिता भोपाल में हेडमास्टर थे. मैं भोपाल में पैदा हुआ, वहीं से हाईस्कूल किया, पाकिस्तान बना और हम यहाँ आ गए. यहाँ तालीम हासिल की, बाहर जाकर तालीम हासिल की. मैं तो लोगों के लिए रोल मॉडल हूँ. आज भी अगर रेफरेंडम होता है तो 90 प्रतिशत लोग मुझे वोट करेंगे.

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