अधर में लटका भारतीय छात्रों का भविष्य

ब्रिटेन के आव्रजन विभाग ने लंदन के एक प्रमुख विश्वविद्यालय को भारतीय व गैर-यूरोपीय छात्रों को प्रवेश देने का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसकेकारण सैंकड़ों भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। विभाग का कहना है कि लंदन मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी नाम के इस विश्वविद्यालय की व्यवस्था में गंभीर गड़बड़िया हैं। विश्वविद्यालय का अगला शैक्षणिक वर्ष सितंबर में शुरू होने जा रहा है। लेकिन मौजूदा फैसले से वहा पढाई के लिए आने की तैयारी में लगे बहुत से भारतीय छात्र छात्राओं की योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसके साथ वहा पहले से पढ रहे भारतीय छात्रों को तुरंत कोई वैकल्पिक योजना बनानी होगी। ब्रिटेन के आव्रजन विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि लंदन मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी का गैर यूरोपीय छात्रों को प्रवेश देने का लाइसेंस रदद कर दिया गया है क्योंकि उसने अपनी व्यवस्था में गंभीर गड़बड़ी दूर करने के सुझावों का पालन नहीं किया, ताकि ये सुझाव यूके बार्डर एजेंसी द्वारा छह महीने पहले दिए जा चुके थे।

अधिकारियों ने कहा कि लाइसेंस रद्द होने से प्रभावित भारतीय और अन्य गैर यूरोपीय छात्रों को मदद करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है। विश्वविद्यालय में भारतीय समेत करीब 2,000 अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ते हैं।

फिलहाल जो भारतीय छात्र अपने पाठयक्रम के दूसरे या तीसरे साल में हैं उन्हें इसे पूरा करने के लिए ब्रिटेन के अन्य विश्वविद्यालय में स्थानातरण करवाना होगा। यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो उन्हें नियम के मुताबिक अपना पाठयक्त्रम छोड़कर 60 दिन के भीतर भारत लौटना होगा।

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