क्यूबा : अब विदेश जाएं बिना परमिट

क्यूबा में अब किसी भी व्यक्ति को देश से बाहर जाने के लिए परमिट लेने की जरुरत नहीं है.

राज्य की सरकारी मीडिया ने कहा है कि ये नया क़ानून अगले साल की 14 जनवरी तारीख से लागू होगा साथ ही ये भी कहा गया है कि प्रवासन क़ानून में बदलाव किए जाएंगे ताकि वर्तमान और भविष्य की परिस्थितियों को इनमें दर्शाया जा सके.

राष्ट्रपति रॉउल कास्त्रों ने एक साल पहले प्रवासन क़ानून में बदलाव की बात कही थी और उनके द्वारा सुधार की दिशा में उठाए गए कदमों की श्रंखला में ताज़ा कदम है.

क्यूबा के वो लोग जिनके पास स्थायी नागरिकता है वे भी अब 24 महीने यानी दो साल के लिए विदेश में रह सकेंगे और इस सिलसिले में उन्हें कागज़ातों के नवीनीकरण के लिए भी नहीं आना होगा. इससे पहले इन लोगों को केवल 11 महीने ही बाहर रहने की इजाज़त मिलती थी.

हवाना में मौजूद बीबीसी संवाददाता साराह रेन्सफोर्ड का कहना है कि देश से बाहर जाने के लिए परमिट लेने की प्रक्रिया का ज़्यादातर नागरिक विरोध करते थे, ऐसे में इस दिशा में किए गए इस सुधार का स्वागत किया जाएगा.

देशद्रोही

इससे पहले जो लोग क्यूबा से बाहर जाने की कोशिश करते थे उन्हें देशद्रोही या दुश्मन के तौर पर देखा जाता था लेकिन अब ये बात आधिकारिक तौर पर स्वीकार की जा रही है कि क्यूबा के बहुत से निवासी आर्थिक कारणों की वजह से देश छोड़ना चाहते हैं और ये लोग जो अपने साथ जानकारियां और पैसा लेकर आएंगे उससे देश फायदा उठा सकता है.

हालांकि नए क़ानून में इस बात पर बहस की गई है कि क्यूबा को ‘मानव पूंजी’ की रक्षा करनी चाहिए. बीबीसी संवाददाता का कहना है कि ऐसी स्थिति में पेशवर लोगों जैसे डॉक्टरों को विदेश जाने में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

सरकार के आलोचकों को वीज़ा पाने में मुश्किलें आ सकती है और उन्हें जनहित के कारण देकर पासपोर्ट देने में परेशानी खड़ी की जा सकती हैं.

हालांकि ये कड़े कदम, पिछले दशकों में लाखों की संख्या में लोगों को अवैध रुप से देश से बाहर जाने से नहीं रोक पाएं हैं. इनमें से कई लोग अमरीका चले गए है, जहां क्यूबा से आए लोगों को अमरीका अपने आप नागरिकता दे देता है.

अब क्यूबा के लोगों को विदेश जाने के लिए बस एक वीज़ा और पासपोर्ट की ज़रुरत पड़ेगी.

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