एक लीटर मूत्र से छह घंटे बिजली

एक लीटर मूत्र से छह घंटे तक बिजली मिल सकती है। यह संभव कर दिखाया है चार अफ्रीकी स्कूली बच्चियों ने। इस खोज को बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है।

दक्षिण अफ्रीकी देश नाइजीरिया की महज 14-15 साल की इन स्कूली छात्राओं ने ऐसा जेनरेटर तैयार किया है जिसके माध्यम से एक लीटर मूत्र से छह घंटे बिजली प्राप्त की जा सकती है। दुरो-आइना अदेबोला, अकिनदेल अबिओला, फालेक ओलुवातोयिन और बेल्लो इनिओला नाम की इन छात्राओं ने अपनी इस खोज को लागोस में प्रदर्शित किया।

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक मूत्र को इलेक्ट्रोलायटिक सेल में रखा जाता है जो इसकी यूरिया को नाइट्रोजन, जल और हाइड्रोजन में बांट देता है। पहले हाइड्रोजन एक वाटर फिल्टर में जाता है और उसका शुद्धिकरण होता है। इसके बाद उसे गैस सिलेंडर में पहुंचाया जाता है। ्र

गैस सिलेंडर हाइड्रोजन को द्रव रूप वाले बोरेक्स के सिलेंडर में भेज देता है। हाइड्रोजन गैस से नमी हटाने के लिए बोरेक्स का प्रयोग किया जाता है। नमी खत्म होने के बाद शुद्ध हाइड्रोजन गैस को जेनरेटर में भेजा जाता है और जेनरेटर बिजली उपलब्ध करा देता है।

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