अबू धाबी, नवंबर 2021 : भारत की सबसे बड़ी निजी ऑयल एंड गैस एक्स्प्लोरेशन एवं प्रोडक्शन कंपनी, केयर्न ऑयल एंड गैस ने अबू धाबी में ऑयल एंड गैस सेक्टर की इस समय चल रही सबसे बड़ी कॉन्फ्रेंस, एडीआईपीईसी 2021 में हॉलिबर्टन कंपनी के साथ साझेदारी की है। 1919 में स्थापित हॉलिबर्टन एनर्जी इंडस्ट्री को विश्व की सबसे बड़ी प्रॉडक्ट और सर्विसेज प्रदान करने वाली कंपनियों में से एक है। इस नए समझौते के तहत केयर्न पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर की निचली पहाड़ियों (एलबीएच) के क्षेत्र में हॉलिबर्टन के साथ काम करेगी। केयर्न ने हाल ही में अपनी क्षमता को दोगुना करने की प्रतिबद्धता व्यक्ति की थी। अब केयर्न ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश की सहायता कर रहा है। इस साझेदारी के तहत केयर्न हॉलिबर्टन के साथ मिलकर अपपटीय परिसंपत्तियों के अपने रिकवर किए जाने वाले रिजर्व से 300 mmboe तक बढ़ाने के ले काम करेगा। यह 30 एमएमबी mmboe के मौजूदा रिजर्व भंडार से 10 गुना ज्यादा बढ़ोतरी है। इससे केयर्न की अपनी क्षमता को दोगुना करने, भारत के घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन में 50 फीसदी योगदान देने में मदद मिलेगी। इसी के साथ केयर्न ऊर्जा स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लक्ष्य में देश की सहायता करेगा।
केयर्न ऑयल एंड गैस के सीईओ, प्रचुर साह ने इस बारे में कहा, “घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए, भारत को नए क्षेत्रों में तेल की खोज को प्रोत्साहित करना चाहिए। पुरानी फील्ड में निवेश बढ़ाने और तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ शेल और गैस जैसे अपरंपरागत विकल्पों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। केयर्न में हमने टेक्नोलॉजी पर बेस्ड उत्पादन बढ़ाने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसने इंडस्ट्री के लिए नया पैमाना तय किया है। यह नवीनतम साझेदारी क्षमता 500 kboepd तक बढ़ा देगी। यह घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन में अपनी योगदान को दोगुना करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
हॉलिबर्टन के लिए मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और एशिया प्रशांत क्षेत्र के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सिड व्हाइट ने कहा, “हम केयर्न के साथ अपने संबंधों को अगले चरण में पहुंचाने के लिए उत्साहित हैं और हम भारतीय बाजार में अपनी क्लास में सर्वश्रेष्ठ डिलिवरी सर्विस प्रदान करना जारी रखेंगे। हमें विश्वास है कि केयर्न और इंजीनियर्ड सोल्यूशन के साथ हमारा सहयोग उनके एसेट वैल्यू को अधिकतम करेगा और इससे देश भर के लिए पूर्ण उत्पादन में बढ़ोतरी की जाएगी।”
ऑफशोर एसेट्स के लिए साझेदारी वैचारिक डिजाइन, वैचारिक विस्तार और क्रियान्वयन के तीन अलग-अलग चरणों के माध्यम से विकसित होगी। इसमें भूवैज्ञानिक और भूकंपीय अध्ययन, अच्छी तरह से डिजाइनिंग और इंजीनियरिंग और रिकवर किए जाने वाले एसेट्स को तय करने के लिए ड्रिलिंग शामिल होगी। ऑफशोर एसेट्स में आंध्र प्रदेश के तट पर रावा, पश्चिमी तट पर कैंबे, और कई नए अधिगृहीत ओएएलपी ब्लॉक शामिल हैं। हॉलिबर्टन सामूहिक रूप से परियोजना का आकलन करने, योजना बनाने और क्रियान्यवन के लिए विशेषज्ञों की एक सहयोगी टीम को लागू करने की प्रक्रिया में है। कंपनी अपने समृद्ध ग्लोबल अनुभव से उपजी नई कार्यप्रणाली के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी।
केयर्न देश भर में अपने क्षेत्रों में नवीनतम तकनीक को लागू करने में अग्रणी रहा है। राजस्थान का मंगला क्षेत्र फुल फील्ड एनहैंस्ड ऑयल रिकवरी (ईओआर) पॉलिमर प्रोजेक्ट का घर है। यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी परियोजना है। इसके साथ ही एक बड़ा एल्कलाइन सरफेसटेंट पॉलिमर (एएसपी) प्रोजेक्ट भी डिजाइन किया जा रहा है, जो अगले कुछ सालों में अस्तित्व में आएगा। यह क्षेत्र मंगला पाइपलाइन की स्टार्टिंग पाइंट को चिन्हित करता है। यह दुनिया की लंबी लगातार गर्म और इंसुलेटेड पाइप लाइन है, जिससे राजस्थान के खेतों से कच्चा तेल गुजरात की रिफाइनरीज तक ले जाया जाता है। रावा फील्ड भारत के सबसे बड़े ऑफशोर एसेट्स में से एक है। यह बेहतरीन जलाशय प्रबंधन और अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने का उदाहरण है, जिसके परिणाम स्वरूप 50 फीसदी से ज्यादा एसेट्स को रिकवर किया जा सका है। यह नई साझेदारी भारत में ऊर्जा स्वायत्तता को हासिल करने की केयर्न की कोशिश में अगला कदम है।