नई दिल्ली। पाकिस्तान में नई सरकार सत्ता संभालने को है। बदलाव के बाद नवाज शरीफ तीसरी बार पाकिस्तान की सत्ता संभालने जा रहे हैं। इस चुनाव में जहां पीपीपी का सूपड़ा साफ हो गया है, वहीं क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान को इस बार अच्छी सफलता मिली है। हालांकि उन्हें और उनके समर्थकों को पूरी उम्मीद थी कि वह चुनाव जीतकर पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। यह उम्मीद तो पूरी नहीं हुई लेकिन उनकी पार्टी को दूसरा स्थान मिला है।
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इमरान खान खुद चार स्थानों से खड़े हुए थे, तीन स्थानों से उन्हें जीत मिली है लेकिन लाहौर से उन्हें हार का मूंह देखना पड़ा है। 62 साल के इमरान खान को यह सफलता आसानी से नहीं मिली। क्रिकेट के स्टार रह चुके इमरान धमाके के साथ राजनीति में आए लेकिन वहां धड़ाम हो गए। इमरान खान जब राजनीति में आए थे तो पहली बार चुनाव में वह सात स्थानों से चुनाव लड़े थे और सभी जगहों से उनकी जमानत जब्त हो गई थी। उस समय इमरान को लगता था कि वह एक सुपर स्टार हैं वह जहां से खड़ा होंगे, जितेंगे, लेकिन उस चुनाव में उनकी वह गलतफहमी दूर हो गई। यह जरूरी नहीं है कि क्रिकेट या फिल्म का सुपरस्टार राजनीति में भी स्टार हो। लंबे संघर्ष के बाद उन्हें यह सफलता नसीब हुई है।
इस बार पाकिस्तानी आवाम में इमरान को लेकर काफी लहर थी। पंजाब में उनके जलसों में भीड़ देखते ही बनती थी। कुछ दिन पहले चुनावी सभा के दौरान वे लिफ्ट से गिर कर चोटिल हो गए। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में बिस्तर से लोगों को संबोधित किया। चोटिल होने का फायदा इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ को उतना नहीं मिला जितनी उम्मीद की जा रही थी।
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान के राजनीतिक सफर में यह मुकाम यूं ही नहीं आया। पाकिस्तान को 1992 में क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले इस जुझारू खिलाड़ी को पूजा जाना लगा था, लेकिन जब बात राजनीति की आई तो उन्हे जनता का प्यार उतना नहीं मिला। 1996 में इमरान ने देश में राजनीतिक भविष्य तलाश करने के लिए खुद की पार्टी तहरीके इंसाफ बनाई। इमरान की छवि हमेशा प्लेब्वाय की रही है। बेहद हैंडसम होने के कारण लड़कियां उनके इर्दगिर्द घूमती रहती थीं।