कैसी मौत हो सकती है आसान?

अमरीका के कई राज्यों में मुजरिमों को मौत की सजा के दौरान तीन तरह की दवाओं के मिश्रण का ज़हर दिया जाता है. इसे बिना किसी दर्द के मौत का सबसे बेहतरीन तरीका माना जाता रहा है. लेकिन इसका विरोध कभी थमा नहीं है.

अब सवाल उठ रहा है कि बेहद खामोशी से बिना किसा दर्द के ‘प्यारी मौत’ के लिए किसी दूसरे तरीके पर विचार करने पर यह विरोध थम जाएगा!

तीन ड्रग्स की जगह अब एक ही इंजेक्शन दिए जाने की भी हिमायत हो रही है.

इस महीने की पहली तारीख को 30 साल पहले दो हत्याओं के लिए रोनाल्ड स्मिथ को मौत की सजा दी जानी थी. लेकिन एक मानवाधिकार संगठन की चुनौती के बाद ताजा कानूनी अड़चन के कारण इसे रोक दिया गया.

द अमरीकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (एसीएलयू) ने रोनाल्ड का मामला रखते हुए कहा कि मोंटाना स्टेट द्वारा मौत की सजा के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तीन द्रवों को कॉकटेल फार्मुला मरने वाले को मरने से पहले दर्द दे सकता है.

हालांकि इस कॉकटेल को इजाद करने वाले एनेस्थिसियोलॉजिस्ट स्टेनली ड्यूश द्वारा तैयार इस कॉकटेल के किसी मुजरिम को बेहद खामोशी से मौत की सजा देने का सबसे कारगर तरीका माना जाता है. क्योंकि इससे दर्द नहीं होता और ज़िंदगी भी जल्दी खत्म हो जाती है.

लेकिन हाल ही में इस तरीके के खिलाफ कुई मामले आने के बाद बहस खड़ी हो गई है.

कैसी मौत होगी बेहतर

तीन द्रवों का कॉकटेल 1982 में पहली बार टेक्सास में इस्तेमाल किया गया. उस के बाद से मौत की सजाओं में इसे सबसे कारगर तरीका माना जाता है.

पहली ड़्रग शरीर के नर्वस सिस्टम को बंद करके मुजरिम को बेहोश करने का काम करती है.

दूसरी शरीर के मसल को पंगु और सांस को रोकने के लिए होती है जबकि पोटाशियम क्लोराइड के रूप में तीसरी ड्रग दिल की धड़कनों को रोक देती है.

मौत देने के इस तरीके को गैस चैंबर में डालने या बिजली के करंट वाली कुर्सी पर बिठाने से कही बेहतर माना जाता है.

न्यूयॉर्क की फोर्डम यूनिवर्सिटी की लॉ प्रोफेसर डेबराह डेनो ने कहा, “यह कहना मुश्किल है कि मिश्रण कैसे व्यक्ति के शरीर पर प्रभाव डालता है.”

14 दिसंबर 2006 को फ्लोरिडा के एंजेल डियाज को इस फार्मूले के तहत मरने में कुल 34 मिनट लगे. उन्हें एक और इंजेक्शन देना पड़ा.

मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार के अनुसार डियाज हांफते हुए बोल रहा था और उसके दांत दिखाई दे रहे थे.

हालांकि 2008 में अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने तीन ड्रग्स के कॉकटेल की प्रक्रिया को सही ठहराया था. लेकिन 2009 में रोमेल ब्रूम को तीन बार कॉकटेल देना पड़ा. इसके बाद ओहियो स्टेट ने तीन की जगह एनिस्थेटिक की एक ही डोज को अपनाना शुरु कर दिया. बाद में कई अन्य राज्यों ने भी इस प्रक्रिया को अपनाया.

33 में से 24 राज्य अब भी तीन ड्रग्स के फार्मूले को ही अपनाते हैं.

प्रोफेसर डेनो ने कहा, “जहर वाले इंजेक्शन के इतिहास की तुलना पिछले दो सालों में इस प्रक्रिया को लेकर काफी बदलाव देखने को मिले हैं. ”

डॉक्टर जे चैंपमेन 1977 में जब ओकल्हामा राज्य के मुख्य चिकित्सा अधिकारी थे. उस दौरान चैंपमेन ने ही ट्रिपल ड्रग्स के फार्मूले को मंजूरी दी थी. लेकिन अब वह भी एक दवा दिए जाने का समर्थन कर रहे हैं.

बीबीसी के साथ बातचीत में चैंपमेन ने कहा, “जानवरों के डॉक्टर इच्छामृत्यु के लिए एक ही ड्रग्स का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि यह काफी सुरक्षित है.”

इसके अलावा कमी के कारण भी तीन ड्रग्स के फार्मूले को बदलने की बहस को बल मिल रहा है. इन ड्ग्स का उत्पादन यूरोपीयन यूनियन में होता है और कई देशों ने मौत की सजा में इस्तेमाल होने के कारण इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है.

 

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