सुशील कुमार शिंदे ने गलत क्या कह दिया

केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के इस बयान पर कि लोगों की भूलने की आदत है और जिस तरह जनता बोफोर्स घोटाले को भूल गई, वैसे ही कोयला घोटाले को भी भूल जाएगी, बड़ा बवाल हो गया। एक जिम्मेदार मंत्री का यह बयान, जिसको भले ही वे मजाक में कहा गया बताते हैं, बेहद गंभीर है। इससे कांग्रेस के नेताओं की मानसिकता का पता लगता है कि वे घोटालों के मामले में कितनी मोटी चमड़ी के हैं। मगर कानाफूसी है कि उन्होंने इसमें गलत क्या कह दिया। असल में भारत की जनता की यही मानसिकता है। इसी मानसिकता के कारण सरकारें चार साल तक मनमानी करती हैं और आखिरी साल में चुनाव से पहले लोकलुभावन कदम उठाती हैं। जनता चार साल का दर्द भूल कर उसके अनुकूल की गई घोषणाओं के चक्कर में आ जाती है।
बोफोर्स घोटाले को ही लीजिए। उसे जनता भूल चुकी है। जनता की छोडिय़े, जिन राजनीतिक दलों व बड़े मीडिया घरानों ने इस घोटाले के नाम पर तख्ता पलट करवा दिया, खुद भी इस घोटाले को भूल गए। यहां तक कि गैर कांग्रेसी सरकार उसे साबित तक नहीं कर पाई। असल में घोटाले साबित होते कहां हैं। अब तक देश में अनेक घोटाले और स्कैंडल हुए हैं, मगर लगभग सभी का नतीजा शून्य रहा है।

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