महात्मा गांधी से बड़ी पीड़ा है लोगों को

कानाफूसी है कि गांधी व शास्त्री जयंती के मौके पर एक एसएमएस खूब चला। जिसे भी मिला उसने उसे तुरंत फोरवर्ड किया। इस एसएमएस से जाहिर होता है कि दो अक्टूबर को सरकारी स्तर पर और राजनीतिक दलों की ओर से भले ही महात्मा गांधी को गरिमापूर्ण तरीके से भावभीनी श्रद्धांजलि की रस्म अदा की गई हो, मगर निचले स्तर पर एक विचारधारा विशेष के लोगों को गांधी जी से बड़ी भारी पीड़ा है।
चलिए आपको ही बता देते हैं उस एसएमएस में क्या लिखा है-युग पुरुष महात्मा गांधी को तो सब लोग (कांगे्रसी) याद करते हैं, लेकिन वे (चमचे) ये क्यों भूल जाते हैं कि जिसने भारत को अनाज बचाने और भारतवासियों की सेहत ठीक रखने के लिए हफ्ते में एक दिन का उपवास रखने की प्रेरणा दी, उनका जन्म दिन भी आज ही है। ये वही हैं जिन्होंने जय जवान जय किसान का नारा बुलंद किया था। वे हमारे सबके प्यारे व दुलारे लाल बहादुर शास्त्री। इस एएसएमएस से साफ जाहिर है कि जानबूझ कर गांधी जी व शास्त्री जी की तुलना की जा रही है, जबकि दोनों अपनी अपनी जगह महान हैं। गांधी जी का अपना कद है और शास्त्री जी का अपना। मगर चूंकि गांधी जी के प्रति नफरत फैलानी है, इस कारण इस प्रकार की तुलना की जा रही है। वाकई भारत और यहां से वासी महान हैं, जो अपने प्रेरणा पुरुषों तक को गाली देने से नहीं चूकते। चूकना छोड़ो वैचारिक मतभेद के चलते हत्या तक कर देते हैं।

error: Content is protected !!