महाराजपुर नगर पालिका : फर्जी हस्ताक्षर से लाखों की राजस्व चोरी

chatarpur-logoनौगॉव (छतरपुर) रिष्वतखोरी के आगे कानून को बेचने बालों का जॉच अधिकारी ने भी जॉच में फर्जी हस्ताक्षर व ष्षील लगाकर बैनामा पंजीयन कराने बाले को बचाकर निर्दोष व्यक्तियो के बिरूध्द पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने का जो आदेष दिया है जिसकी सीआईडी विभाग से सही जॉच होना चाहिये , जो दोषी है उनके बिरूध्द कार्यावाही न्यायहित में जरूरी है घटना इस प्रकार बताई जाती है कि नौगॉव उप पंजीयक कार्यालय में 9 जनवरी 2013 को महाराजपुर नगर पालिका व्दारा जारी प्रमाण पत्र क्र0 381/न0पा0/013 दिनांक 9 जनवरी 2013 के व्दारा भूमि नगर पालिका सीमा से बाहर होने का प्रमाण पत्र हाथ से लिखा प्रस्तुत हुआ जिस पर उप पंजीयक लिपिक ने हाथ से लिखा प्रमाण पत्र का संदेह करते हुये प्रमाण पत्र को अस्वीकार करने की बात की जिससे संपत्ति बैचने बाले की ओर से महाराजपुर से राजेष चौरसिया पिता श्री प्रीतम सिंह चौरसिया ने इसका बिरोध करते हुये प्रमाण पत्र सही होने की बात की , विवाद के चलते पंजीयन लिपिक श्री ए0वी0 त्रिपाठी ने 7 जनवरी 2013 को भीमसेन पिता श्री सुखनंदन चौरसिया नि0 महाराजपुर व्दारा पिं्रट प्रमाण पत्र दिखाकर कहा कि इसी प्रकार का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें , प्रमाण पत्र में प्रथक प्रथक नम्बर होने पर इसकी षिकायत राजेष चौरसिया ने नौगॉव अनुविभागीय अधिकारी श्री डी0पी0व्दिवेव्दी जी से करते हुये जॉच कराने की मॉग की गई । एस0डी0एम ने प्रमाण पत्रों की जॉच कराई तो राजेष चौरसिया के पक्षकार व्दारा प्रस्तुत प्रमाण पत्र सही पाया गया तथा भीम सेन चौरसिया का फर्जी पाया गया । इस प्रकार के प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नौगॉव ने 1 जनवरी 2012 से प्रमाण पत्रों की जॉच करने हेतू कार्यालय पत्र क्रमॉक 522/प्रवा0-2/2013 दिनांक 3-4-2013 के व्दारा महाराजपुर नगर पालिका अधिकारी को जॉच हेतू लिया जिस पर ंें 9 प्रमाण पत्र नगर पालिका कार्यालय महाराजपुर से जारी होना नही पाये गये , जबकि कार्यालय की ष्षील मुहर व हस्ताक्षर थें , तीन प्रमाण पत्र रिकार्ड में दर्ज पाये गये । भीम सेन चौरसिया ने पीजी सेल में षिकायत दर्ज कराते हुये जॉच अधिकारी से अनुरोध किया कि जो प्रमाण पत्र उनके दस्तावेज में लगाया गया है वह नगर पालिका महाराजपुर के बाबू एवं तहसील में बैठने बाले एक अमुक दलाल जो नक्षा नवीषी का लाईसेन्स लेकर तहसील में बैठकर जनता को लूट रहा है ऐसे व्यक्ति ने कूट रचित दस्तावेज तैयार किया है लेकिन उसकी जॉच में कोई अहमियत नही समझी गई । एमडीएम के रीडर ने अपराधिअधिओं से सांठ गॉठ कर प्रकरण को रफा-दफा करने का पूरा प्रयास किया । षिकायतकर्ता राजेष चौरसिया ने अपनी जॉच पुनः ष्षासन स्तर पर कराने केलिए लिखा जिसमें किसी भी पक्षकारों के व्यान न लिये जाना जॉच अधिकारी की जॉच पर संदेह करता है । इस प्रकरण मे राजनैतिक दवाव एवं रिष्वतखोरी को भी सहभागीदारी मानी जा सकती है क्योकि जॉच रिपोर्ट एक तरफा की गई है । अब पुलिस विभाग को प्रथम सूचना रिपोर्ट सौपकर जॉच कराई की बात की जा रही है ।
उप पंजीयक नौगॉव एस0डी0एम0 की जॉच रिपोर्ट पर नौगॉव पुलिस को अपनी ओर से प्रथम सूचना रिपोर्ट नौगॉव पुलिस को प्रकरण सोपने का आदेष दिया , लेकिन तत्कालीन नगर निरीक्षक श्री हिमांषु चौवे ने इस घटना को इस कारण दर्ज नही किया था । पुलिस के लिए जॉच का बिषय है िकइस प्रकार के प्रमाण पत्र नगर पालिका महाराजपुर के किसी बाबू कि मिली भगत से एक से जारी हुये जिसमें कार्यालय का जाबक पंजी रजिस्टर में दर्ज्र नही किये गये या राजस्व चोरी के लिए जिस व्यक्ति ने एक से लगातार नौ प्रमाण पत्र जारी किये है वह कहॉ व किसके व्दारा बनाये गये है, जॉच में यह भी बिषय है कि दस्तावेज की सम्पूर्ण कार्यावाही बैचने बाले की ओर से होती है जिसमें एक ष्षपथ पत्र बिक्रेता देता है कि जो संपत्ति बिक्रय हो रही है उसका मालिक मॅ हॅू तथा जो दस्तावेज लगाये जा रहे है वह मेरे व्दारा प्रस्तुत है उनकी सम्पूर्ण जुम्मेदारी बिक्रेता की है, इस कूट रचित दस्तावेज में संपत्ति बिक्रय करने बाला ही सर्वाधिक कानूनी रूपसे दोषी होता है फिर खरीददार, गवाहो व लेखक को संपंत्ति के बारे में पूर्ण जानकारी नही होती न ही उनकी सहमति होती है इसलिए इस प्रमाण के फजी दस्तावेजों में किसी भी रूपमें लेखक व गवाहो का कोई लोभ लालच या छल नही रहता है । पुलिस कोई भी अपराध दर्ज करने के बाद उसकी विवेचना करती है क्योकि अपराध सिध्द करने का दायित्व पुलिस विवेचना अधिकारी का ही होता है । इस प्रकार के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाला सर्वाधिक दोषी व अपराधी है जिसकी जॉच होना चाहिये साथ ही ऐसे व्यक्ति चाहे वह कर्मचारी हो या प्राइवेट नागरिक उनके बिरूध्द कठोर कानूनी कार्यावाही न्यायहित में आवष्यक है । इस प्रकरण को एक साल बीत जाने के बाद भी आज तक ऐसे संगीन अपराध में जिला प्रषासन की कोई रूचि नही रही है । –कौशल किशोर रिछारिया

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